नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शनिवार को 97वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. पहली बार स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को डिजिटल डिग्री मिली. दिल्ली विश्वविद्यालय के 97वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे.
निशंक ने दीक्षांत समारोह में 670 छात्रों को पीएचडी डिग्री और 170 से अधिक छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया. उन्होंने 1,78,719 स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान की.
इस दौरान सभागार में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनना होगा. युवा अब पैकेज नहीं, पेटेंट की ओर बढ़ रहा है. यह गर्व की बात है.
निशंक ने छात्रों को दीं शुभकामनाएं
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित दीक्षांत समारोह में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि आज सभी लोग उत्सव मना रहे हैं. इस पल का हर छात्र को जीवन में इंतजार रहता है. साथ ही उन्होंने सभी छात्रों को शुभकामनाएं दीं.
दिल्ली विश्वविद्यालय है एक तीर्थ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने दिल्ली विश्वविद्यालय को एक तीर्थ बताते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज उस जगह के दर्शन हुए, जहां पर देश के महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को अंग्रेजों ने वाईस रीगल लॉज को एक जेल के रूप में तब्दील कर कुछ समय के लिए कैद रखा था. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले हर छात्र को इस तीर्थ स्थल के जीवन काल में एक बार दर्शन जरूर करना चाहिए, उनसे सभी को प्रेरणा मिलती है.
उन्होंने कहा कि करीब तीन हजार शिक्षकों को प्रमोशन प्रक्रिया में लाभ मिला है, जो कि सराहनीय है. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अतीत में क्या हुआ, उसे जानने की आवश्यकता नहीं है.