पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मेवालाला चौधरी ने भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के चलते इस्तीफा दिया है. दरअसल, पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी को लेकर बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ था. विपक्षी पार्टी के नेता लगातार उनपर हमलावर हो रहे थे.
मेवालाल ने आज सुबह पदभार ग्रहण किया था और अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था. लेकिन इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मेवालाला ने शपथ लेने के 71 घंटे बाद भारी हंगामें के बीच बिहार के शिक्षामंत्री का पदभार संभाला, लेकिन तीन घंटे बाद ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
मेवालाल पर क्या है आरोप?
दरअसल, 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपलेबाजी करने का आरोप है. उनके ऊपर कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली करने का आरोप है. बकायदा तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. इसके अलावा उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है.
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मेवालाल चौधरी के इस्तीफे पर तेजस्वी यादव ने तंज कसा है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें. महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी. अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे. जय बिहार,जय हिन्द.
तेजस्वी ने कहा कि मैंने कहा था ना आप थक चुके हैं, इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है. जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया. थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया, घंटे बाद इस्तीफे का नाटक रचाया. असली गुनाहगार आप हैं. आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?.