न्यूयॉर्क : न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में शामिल होने वाले नये भारतीय छात्रों के लिए 'ग्लोबल आर्गेनाइजेशन आफ पीपल आफ इंडियन ओरिजिन' (जीओपीआईओ) के एक चैप्टर जीओपीआईओ-मैनहटन के सहयोग से 'मीट एंड ग्रीट' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. विभिन्न उद्योगों के दिग्गजों ने छात्रों के साथ बातचीत की और उनके साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए.
शनिवार को छात्रों से तरणजीत सिंह संधू ने वीडियो के जरिए संबोधन में कहा कि वह विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अमेरिका आए छात्रों में भारत की गतिशीलता, भारत की ऊर्जा और भारत की कुछ नया करने एवं सृजन करने की क्षमता देखते हैं.
संधू ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान साझेदारी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे द्विपक्षीय संबंधों में काफी संभावनाएं हैं.'
उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने एक नयी शिक्षा नीति (एनईपी) शुरू की है, जो लगभग 34 वर्षों के अंतराल के बाद पिछले साल पेश की गई. यह अमेरिका जैसे देशों के साथ अकादमिक, वैज्ञानिक और अनुसंधान सहयोग को और गहरा करने के लिए व्यापक अवसर खोलती है. हमारा ध्यान तालमेल को पहचानने और बढ़ावा देने पर रहेगा.'
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि नयी शिक्षा नीति गरीबी से लड़ने और 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने का एक साधन है.
छात्रों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के बीच एक मजबूत संपर्क माध्यम बताते हुए संधू ने कहा कि आप हमारे दो महान राष्ट्रों के बीच संबंधों के भविष्य को आकार देंगे. इस मायने में, आप इससे लाभान्वित होने की एक अनूठी स्थिति में भी हैं.'
संधू ने कहा कि पिछले 20 महीने हम में से किसी के लिए' आसान नहीं रहे हैं क्योंकि कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है.'
यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (आईसीई) के हिस्से स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) के नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में भारत से 207,460 छात्र थे और यह संख्या चीन (382,561) के बाद दूसरी सबसे अधिक है.
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