ETV Bharat / bharat

अनिल जोसेफ ने कहा, ट्विन टावर में ब्लास्ट प्लानिंग के अनुसार हुआ

ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी एडिफिस के अधिकारी अनिल जोसेफ ने कहा कि ब्लास्ट सब कुछ तय अनुसार हुआ. वहीं रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Anil Joseph
अनिल जोसेफ
author img

By

Published : Aug 28, 2022, 5:13 PM IST

Updated : Aug 28, 2022, 5:31 PM IST

नोएडा : नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर गिरा दिया गया. अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. इस मामले में जहां टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस के अफसर ने योजना के अनुसार ब्लास्ट किए जाने की बात कही. वहीं रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा (Supertech Limited Chairman RK Arora) ने कहा कि ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

जानिए क्या कहा टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी के अधिकारी ने

टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस के अधिकारी अनिल जोसेफ (Edifice Officer Anil Joseph) ने कहा कि इस ब्लास्ट को करने से पहले हमने बहुत प्लानिंग की. हमें लगता है कि यह परफेक्ट ब्लास्ट है. उन्होंने कहा कि हमने नियंत्रित तरीके से ब्लास्ट किया जिसकी वजह से इमारत वैसे ही गिरी जैसा की हम चाहते थे, हमने वाइब्रेशन को नियंत्रित किया. सब कुछ तय अनुसार ठीक हुआ.

उन्होंने कहा कि महज नौ सेकेंड में टावर ध्वस्त हो गई. इसे गिराने में 3700 किलो बारूद का प्रयाेग किया गया. इमारत में विस्फोट के दौरान 30 मिनट तक के लिए नजदीकी सभी सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया गया था. ब्लास्ट के बाद आसमान धूल से पट गया था. विस्फोट के बाद मलबे और धूल को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज परिसर में जाने से रोकने के लिए 30 मीटर ऊंची लोहे की चादर लगाई गई थी. ब्लास्ट के बाद इलाके में पॉल्यूशन लेवल की मॉनिटरिंग स्पेशल डस्ट मशीन से की जा रही है.

सुपरटेक चेयरमैन ने कहा, ट्विन टावर गिराए जाने से हमें 500 करोड़ रुपये का नुकसान

रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने रविवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा स्थित ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अरोड़ा ने कहा कि इस इमारत को ढहाए जाने से उसके निर्माण पर आई लागत एवं कर्ज पर देय ब्याज के रूप में कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. उच्चतम न्यायालय ने स्थापित मानकों का उल्लंघन कर इस 100 मीटर ऊंची आवासीय इमारत के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए इसे विस्फोटक का इस्तेमाल कर गिराए जाने का आदेश दिया था. उसी आदेश का पालन करते हुए रविवार अपराह्न 2.30 बजे इस इमारत के दोनों टावर विध्वंसक लगाकर महज कुछ सेकंड में धराशायी कर दिए गए.

अरोड़ा ने कहा, 'हमारा कुल नुकसान करीब 500 करोड़ का हुआ है. इसमें इमारत के निर्माण और जमीन की खरीद पर आई लागत के अलावा नोएडा प्राधिकरण को तमाम मंजूरियों के लिए दिए गए शुल्क और बैंकों को कर्ज पर दिया गया ब्याज शामिल है. इसके अलावा हमें इन टावर में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है.' ये दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा थे. इन टावर में बने 900 से अधिक फ्लैट की मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से कीमत करीब 700 करोड़ रुपये थी. अरोड़ा ने कहा कि अदालत ने भले ही इन टावर को गिराने का आदेश दिया लेकिन सुपरटेक ने नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से स्वीकृत भवन योजना के अनुरूप ही इनका निर्माण किया था. उन्होंने कहा कि इन दोनों टावर को विस्फोटक लगाकर ढहाए जाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी को सुपरटेक 17.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है. एडिफिस ने इसे अंजाम देने का जिम्मा दक्षिण अफ्रीकी फर्म जेट डिमॉलिशंस को सौंपा था.

ये भी पढ़ें - Noida Twin Towers धमाके के साथ गिरी पूरी इमारत

(इनपुट-एजेंसी)

नोएडा : नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर गिरा दिया गया. अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. इस मामले में जहां टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस के अफसर ने योजना के अनुसार ब्लास्ट किए जाने की बात कही. वहीं रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा (Supertech Limited Chairman RK Arora) ने कहा कि ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

जानिए क्या कहा टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी के अधिकारी ने

टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस के अधिकारी अनिल जोसेफ (Edifice Officer Anil Joseph) ने कहा कि इस ब्लास्ट को करने से पहले हमने बहुत प्लानिंग की. हमें लगता है कि यह परफेक्ट ब्लास्ट है. उन्होंने कहा कि हमने नियंत्रित तरीके से ब्लास्ट किया जिसकी वजह से इमारत वैसे ही गिरी जैसा की हम चाहते थे, हमने वाइब्रेशन को नियंत्रित किया. सब कुछ तय अनुसार ठीक हुआ.

उन्होंने कहा कि महज नौ सेकेंड में टावर ध्वस्त हो गई. इसे गिराने में 3700 किलो बारूद का प्रयाेग किया गया. इमारत में विस्फोट के दौरान 30 मिनट तक के लिए नजदीकी सभी सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया गया था. ब्लास्ट के बाद आसमान धूल से पट गया था. विस्फोट के बाद मलबे और धूल को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज परिसर में जाने से रोकने के लिए 30 मीटर ऊंची लोहे की चादर लगाई गई थी. ब्लास्ट के बाद इलाके में पॉल्यूशन लेवल की मॉनिटरिंग स्पेशल डस्ट मशीन से की जा रही है.

सुपरटेक चेयरमैन ने कहा, ट्विन टावर गिराए जाने से हमें 500 करोड़ रुपये का नुकसान

रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने रविवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा स्थित ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अरोड़ा ने कहा कि इस इमारत को ढहाए जाने से उसके निर्माण पर आई लागत एवं कर्ज पर देय ब्याज के रूप में कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. उच्चतम न्यायालय ने स्थापित मानकों का उल्लंघन कर इस 100 मीटर ऊंची आवासीय इमारत के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए इसे विस्फोटक का इस्तेमाल कर गिराए जाने का आदेश दिया था. उसी आदेश का पालन करते हुए रविवार अपराह्न 2.30 बजे इस इमारत के दोनों टावर विध्वंसक लगाकर महज कुछ सेकंड में धराशायी कर दिए गए.

अरोड़ा ने कहा, 'हमारा कुल नुकसान करीब 500 करोड़ का हुआ है. इसमें इमारत के निर्माण और जमीन की खरीद पर आई लागत के अलावा नोएडा प्राधिकरण को तमाम मंजूरियों के लिए दिए गए शुल्क और बैंकों को कर्ज पर दिया गया ब्याज शामिल है. इसके अलावा हमें इन टावर में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है.' ये दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा थे. इन टावर में बने 900 से अधिक फ्लैट की मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से कीमत करीब 700 करोड़ रुपये थी. अरोड़ा ने कहा कि अदालत ने भले ही इन टावर को गिराने का आदेश दिया लेकिन सुपरटेक ने नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से स्वीकृत भवन योजना के अनुरूप ही इनका निर्माण किया था. उन्होंने कहा कि इन दोनों टावर को विस्फोटक लगाकर ढहाए जाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी को सुपरटेक 17.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है. एडिफिस ने इसे अंजाम देने का जिम्मा दक्षिण अफ्रीकी फर्म जेट डिमॉलिशंस को सौंपा था.

ये भी पढ़ें - Noida Twin Towers धमाके के साथ गिरी पूरी इमारत

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 28, 2022, 5:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.