नई दिल्ली/बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय ने एक चीनी कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन से जुड़ी एक जांच के तहत बेंगलुरु स्थित एक ऑनलाइन शिक्षा कंपनी का 8.26 करोड़ रुपये का फंड जब्त किया है. इसका पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण चीनी नागरिकों के पास है. पिजन एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के फंड को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) की धारा 37ए के तहत जब्त कर लिया गया है. कहा गया कि कंपनी ने 'ओडाक्लास' ब्रांड नाम के तहत ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अप्रैल में समूह के खिलाफ खोजबीन की और पाया कि कंपनी चीनी नागरिकों के 100 प्रतिशत स्वामित्व में है और वित्तीय निर्णयों सहित कंपनी के सभी मामलों को चीन में बैठे व्यक्तियों द्वारा चलाया जा रहा है. एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह पता लगाया गया कि कंपनी ने चीनी निदेशक लियू कैन के निर्देशों पर विज्ञापन और विपणन व्यय के नाम पर चीन और हांगकांग को 82.72 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. इसने कहा, 'कंपनी अपनी ओर से सेवा प्राप्त करने का कोई प्रमाण और उक्त खर्चों के लिए प्रकाशित किसी भी विज्ञापन का प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकी.'
ईडी ने कहा कि कंपनी के निदेशक और लेखा प्रबंधक ने जांच के दौरान स्वीकार किया कि कैन के निर्देश पर ही भुगतान किया गया था. कंपनी के भारतीय निदेशक वेदांत हमीरवासिया ने कहा कि चीनी निदेशक ने उन्हें बताया कि विज्ञापन गूगल और फेसबुक के माध्यम से प्रकाशित किए गए थे. हालांकि, इन प्लेटफार्मों द्वारा कोई पुष्टि या चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है.
(पीटीआई)