हैदराबाद : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ा खुलासा किया है कि तेलुगू राज्यों (Telugu states) से करोड़ों के मानव बाल की तस्करी चीन की जा रही है. ईडी की जांच में सामने आया है कि बालों की तस्करी कोलकाता और गुवाहाटी के साथ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से विदेशों में की जा रही है.
एजेंसी के मुताबिक, 'करों से बचने के लिए भारत से बालों की तस्करी मोरेह (मणिपुर), जोखावथर (मिजोरम) और आइजोल (मिजोरम) आदि जगहों से म्यांमार के मांडले में की जाती है.'
चीन भी बाल खरीद रहा है और करों से बचने के लिए यहां के व्यापारियों को हवाला के जरिए पैसा और सोना भेज रहा है. ईडी ने जांच में पाया कि म्यांमार के कुछ नागरिकों ने अवैध हेयर बिजनेस चलाने के लिए हैदराबाद में कैंप लगाया था.
ईडी की टीम चीन के सट्टेबाजी एप्स की जांच कर रही थी इसी दौरान ये खुलासा हुआ है. ईडी ने कहा, 'यह पाया गया कि मानव बाल व्यापारियों को 16 करोड़ रुपये के हवाला भुगतान किये गये थे और इसके बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में स्थित बाल व्यापारियों के खिलाफ फेमा जांच शुरू की गई थी.' जांच में पाया गया कि 'कई घरेलू व्यापारी हैदराबाद, गुवाहाटी और कोलकाता में स्थित विदेशी व्यापारियों को बाल बेच रहे थे.'
विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. हैदराबाद, तनुकू (Tanuku) में भी जांच शुरू की गई. ईडी ने विकाश हेयर एंटरप्राइजेज, नरेश वुमेन हेयर, ऋतिक एक्जिम एंटरप्राइजेज, एसएस इंपेक्स, शिव केशव ह्यूमन हेयर, लक्ष्मी एंटरप्राइजेज, आरके हेयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी की.
कर्मचारियों के नाम पर बैंक खाते
मानव बाल व्यापारियों के कार्यालयों में भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की गई. एजेंसी के मुताबिक 'बारह मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, एक कंप्यूटर, हाथ से लिखी डायरियां, कच्चा खाता-बही और 2.90 करोड़ रुपये जब्त किए गए.' उसने कहा कि ये निर्यातक अपने परिसर में मिली नकदी के स्रोत के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके. जांच में सामने आया है कि तिरुपति, यादाद्री, विजयवाड़ा आदि मंदिरों के साथ, स्थानीय नाई से बाल एकत्र किए जाते हैं और विदेशों में निर्यात किए जाते हैं. बाल मुख्य रूप से म्यांमार, बांग्लादेश, वियतनाम, ऑस्ट्रिया, चीन और अन्य देशों में भेजे जा रहे हैं. पूरी जांच से पता चला कि म्यांमार के कई नागरिक उन अवैध निर्यात के लिए हैदराबाद में रुके हुए थे. बाल निर्यातकों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर अवैध लेनदेन के लिए बैंक खाते खोले थे.
हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन
एजेंसी ने दावा किया कि चीनी व्यापारी आयात के समय 28 प्रतिशत के आयात शुल्क से बच जाते हैं और तस्करी किए गए भारतीय बालों को चीनी बालों के रूप में दावा करके निर्यात के समय आठ प्रतिशत निर्यात प्रोत्साहन राशि भी अर्जित करते हैं. एजेंसी ने कि कई भारतीय निर्यातकों पर यह भी संदेह है कि वे प्राप्तकर्ता देश में आयात शुल्क से बचने के लिए निर्यात किए गए मानव बाल का मूल्य/गुणवत्ता के संदर्भ में कम मूल्यांकन कर रहे हैं.
पढ़ें- केरल गोल्ड स्कैम : राज्य सरकार को लगा झटका, ईडी के खिलाफ नहीं होगी जांच
एडी को लगता है कि ज्यादातर माल तेलंगाना, एपी, कोलकाता और गुवाहाटी से जा रहा है. जांच में पता चला कि उसे सड़क मार्ग से मणिपुर और मिजोरम होते हुए म्यांमार और वहां से चीन ले जाया जा रहा था. लिंकन टेक्नोलॉजीज, जिसने चीन सट्टेबाजी एप्स घोटाले में भूमिका निभाई थी, ने कथित तौर पर हैदराबाद में दो बाल निर्यातकों को हवाला के जरिए 3 करोड़ 38 लाख की रकम हवाला के जरिए पहुंचाई थी. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), आईटी और सीमा शुल्क अधिकारी तेलुगु राज्यों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाल निर्यात व्यापारियों के लेनदेन की जांच कर रहे हैं.
पढ़ें- अवैध धर्मांतरण मामले में खुलासा: देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेश से ₹27.30 करोड़ की फंडिंग