नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने TMC सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से जारी समन पर रोक लगाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि जांच के बीच में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. अभिषेक बनर्जी की ओर से कहा गया है कि ईडी को उनके निवास के क्षेत्राधिकार में पूछताछ का अधिकार है. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की ओर से जो सवाल उठाया गया है उस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार कर रहा है कि अपराध प्रक्रिया संहिता के अध्याय 12 का मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच में पालन होना चाहिए कि नहीं.
मेहता ने कहा कि इस सवाल पर भी विचार किया जा रहा है कि मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत अगर कोई बयान दर्ज किया जाता है तो क्या ईडी संविधान की धारा 20(3) का उल्लंघन तो नहीं कर रही है. मेहता ने अभिषेक बनर्जी के वकील कपिल सिब्बल की इस दलील का विरोध किया कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 से ईडी का कोई लेना-देना नहीं है.
सिब्बल ने कहा था कि ईडी ने अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार की संपत्ति का विवरण मांगा है. ईडी बीते पांच साल की आय का स्रोत मांग रही है. अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार के पिछले 10 साल के इनकम टैक्स रिटर्न मांगे जा रहे हैं. ये जांच किसी तरह कुछ पकड़ने की है. उन्होंने कहा था कि किसी महिला से वहीं पूछताछ की जा सकती है जहां वह रहती है. ईडी उन्हें दिल्ली नहीं बुला सकती है.
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