चेन्नई: एक आईआरएस अधिकारी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बर्खास्त करने की मांग की है. दरअसल दो गरीब किसानों को ईडी ने नोटिस जारी किया है. अधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय को 'भाजपा की विस्तारित शाखा' में बदलने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
जीएसटी और सीई चेन्नई के उपायुक्त बी बाला मुरुगन (B Bala Murugan) ने मंगलवार को राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में भाजपा नेता के साथ कानूनी विवाद के बाद दो गरीब दलित किसानों को प्रवर्तन निदेशालय से समन मिलने के मामले पर प्रकाश डाला. मुरुगन ने जो पत्र लिखा है, उसकी एक प्रति ईटीवी भारत के पास उपलब्ध है.
पत्र में क्या लिखा : मुरुगन ने लिखा कि 'तमिलनाडु के दो बुजुर्ग, अनपढ़ और गरीब दलित किसान, 72 साल के कन्नैयन और 67 साल के कृष्णन, जिनके पास तमिलनाडु के अट्टूर में 6.5 एकड़ कृषि भूमि है. उनका वर्तमान में भाजपा के सलेम पूर्व जिला सचिव गुणशेखर के साथ विवाद है. किसानों को प्रवर्तन निदेशालय का समन मिला है. किसानों ने एक स्थानीय भाजपा नेता पर अवैध भूमि हड़पने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. भूमि विवाद मामले में ईडी की संलिप्तता से लोगों में गुस्सा है. लिफाफे पर किसानों की जाति को 'हिंदू पालर्स' (Hindu Pallars) के रूप में उल्लेखित किए जाने से आक्रोश और बढ़ गया है.'
पत्र में लिखा गया है कि कन्नैयन और कृष्णन तमिलनाडु के सलेम जिले के अट्टूर क्षेत्र के रामनयागनपालयम गांव के रहने वाले भाई हैं. भूमि संबंधी मुद्दों के कारण, किसान पिछले चार वर्षों से कृषि गतिविधियों को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं और उनके बैंक खाते में केवल 450 रुपये हैं. वे अपनी आजीविका के लिए 1,000 रुपये की वृद्धावस्था पेंशन और सरकार द्वारा दिए जा रहे मुफ्त राशन पर निर्भर हैं.'
पत्र में कहा गया है कि ईडी के सहायक निदेशक रितेश कुमार द्वारा किसानों को जारी किए गए समन की तारीख 26 जून, 2023 है. समन के अनुसार, जांच अधिकारी (आईओ) रितेश कुमार धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच कर रहे हैं और कहा गया कि कन्नैयन और कृष्णन 5 जुलाई, 2023 को एजेंसी के सामने पेश हों.'
अधिकारी के अनुसार, दोनों किसान भाइयों ने भाजपा नेता गुणशेखर पर उनकी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. अधिकारी पत्र में लिखते हैं 'कृष्णन की शिकायत के बाद 2020 में गुणशेखर के खिलाफ एक आपराधिक मामला शुरू किया गया, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई और बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया... कृष्णन और गुणशेखर के बीच चल रहे भूमि विवाद से जुड़ा एक सिविल केस वर्तमान में अत्तूर अदालत में फैसले की प्रतीक्षा में है.'
किसानों ने लगाया धमकी देने का आरोप : किसानों ने आरोप लगाया है कि जब वे चेन्नई के शास्त्री भवन में एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए तो प्रवर्तन अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी. अफसर ने लिखा कि 'इस घटना से पता चलता है कि ईडी कैसे भाजपा की विस्तारित शाखा बन गई है... वित्त मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन निदेशालय को सफलतापूर्वक भाजपा पुलिस प्रवर्तन निदेशालय में बदल दिया है.'
उन्होंने पत्र में लिखा कि 'मेरा परिवार मूलतः कृषक है. भले ही मेरे पिता एक मेडिकल डॉक्टर थे, हम खेती करते हैं जिसे हम किसी भी अन्य नौकरी से अधिक प्रतिष्ठित मानते हैं. सरकारी सेवा में आने से पहले मैं अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करता था. मैं रिटायरमेंट के बाद खेती करूंगा.'
अधिकारी ने कहा कि अपनी 30 साल की सेवा में उन्होंने कभी किसी राजनेता को किसी एहसान के लिए उन पर दबाव डालते नहीं देखा. उन्होंने लिखा कि 'आम तौर पर वे दिल्ली के जरिए प्रभाव डालेंगे. जैसा कि उपरोक्त घटना से पता चलता है, अब स्थिति बदल गई है. इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिम्मेदार हैं. सीतारमण भारत की वित्त मंत्री बनने के लिए अयोग्य हो गई हैं.'
उन्होंने लिखा कि 'मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध करता हूं कि वे वित्त मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें... गरीब दलित किसानों को न्याय प्रदान करें... और प्रवर्तन निदेशालय को बचाएं.'
ईटीवी भारत से बात करते हुए अधिकारी बाला मुरुगन ने कहा, 'पहले ईडी में ईमानदार अधिकारियों की नियुक्ति होती थी. साथ ही राजनेताओं का भी हम पर कोई हस्तक्षेप नहीं था. वर्तमान में, गरीब दलित किसान कन्नैयन और कृष्णन के पास 6.5 एकड़ जमीन है, लेकिन वे पिछले 4 वर्षों से उस जमीन पर कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं. वे इसके लिए बीजेपी कार्यकारी गुणशेखर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिस तरह से ईडी ने इस जमीन के लिए समन जारी किया वह सही नहीं था. ऐसी घटनाएं निर्मला सीतारमण के वित्त मंत्री बनने के बाद से ही हो रही हैं.'