मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जरंदेश्वर मिल मामले में सतारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एसडीसीसी) को नोटिस जारी किया है. इस कार्रवाई से सहकारिता क्षेत्र में हड़कंप मच गया है.
सतारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने कोरेगांव के निकट जरंदेश्वर सहकारी चीनी मिल को निजी आधार पर क्रय करते हुए संबंधित को 96 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. यह ऋण किस आधार पर दिया गया इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं? कहा जाता है कि ईडी ने बैंक को अपने दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया था. हालांकि मामले पर बैंक अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ईडी ने जरंदेश्वर चीनी मिल ऋण मामले की जांच शुरू कर दी है.
जरंदेश्वर मिल के लिए पुणे डिस्ट्रिक्ट बैंक के साथ चार बैंकों ने कर्ज दिया था. सतारा जिला सहकारी बैंक भी इसमें शामिल है. जिला केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष विधायक शिवेंद्र सिंह राजे भोसले फिलहाल भाजपा में हैं, लेकिन बैंक राकांपा के कब्जे में है. अब जब ईडी ने बैंक को नोटिस जारी किया है तो जिले समेत पूरे सहकारी क्षेत्र में हड़कंप मच गया है.
ईडी ने अटैच की थी मिल
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले हफ्ते राज्य के एक सहकारी बैंक में कथित तौर पर 25,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कोरेगांव के पास जरंदेश्वर सहकारी चीनी मिल को जब्त कर लिया था. मिल का मालिक उपमुख्यमंत्री अजित पवार का रिश्तेदार का था. मिल अटैच होने पर डिप्टी सीएम पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 'जहां भी आवश्यकता होगी मैं निश्चित रूप से अपील करूंगा क्योंकि कई श्रमिकों की रोटी पूरी तरह से जरंदेश्वर कारखाने पर आधारित है. मैं अधिवक्ताओं से सलाह लूंगा और जो कुछ भी आवश्यक होगा वह करूंगा.'
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