नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने बुधवार को त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. चुनाव आयोग ने इस दौरान जम्मू कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराने के संकेत दिए. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जम्मू कश्मीर में मौसम और सुरक्षा के हालात को ध्यान में रखकर चुनाव होगा.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे इसपर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. 2019 में धारा 370 के हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर चुनाव का इंतजार कर रहा है. क्षेत्रीय पार्टियां भी पिछले कई महीनों से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव करने की मांग कर रही हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है जल्द वहां चुनाव कराए जा सकते हैं.
वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, डिलिमिटेशन और एसएसआर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. इसके अलावा पोलिंग बूथ को फिक्स करने की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है. सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. हमें पता है कि अगर चुनावी तैयारियां जब पूरी हो चुकी हैं, तो मतदान होना चाहिए. उन्होंने कहा मौसम और सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ अन्य राज्यों के शेड्यूल को देखते हुए ये तय किया जाएगा कि चुनाव कब हो.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद पिछले साल पूरी हुई थी. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत विधानसभा सीटों में वृद्धि की गई थी. इस बार आयोग ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए नौ और सात सीटें आरक्षित कीं. इस नए परिसीमन से जम्मू में सीटों की संख्या 43 हो जाएगी, जबकि कश्मीर घाटी में 47 सीटें हो जाएंगी. सूत्रों के अनुसार चर्चा है कि जम्मू कश्मीर में कर्नाटक के साथ विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं. कर्नाटक में इसी साल मई से पहले होने चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. यहां यह भी बताना जरूरी है कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के साथ 16 जनवरी को बैठक की थी. नेशनल कॉंफ्रेंस और पीडीपी ने चुनाव में देरी पर सवाल उठाए थे.
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