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'कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट या पूर्ण टीकाकरण के बिना मतगणना कक्षों में नहीं मिलेगा प्रवेश' - पूर्ण टीकाकरण के बिना मतगणना कक्षों में नहीं मिलेगा प्रवेश

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि मतगणना वाले दिन कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाए बिना किसी भी प्रत्याशी या उनके एजेंटों को मतगणना स्थल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा जिन्हें कोविड-19 टीके की दोनों खुराक लग चुकी है वे ही मतगणना कक्षों में जा सकेंगे.

निर्वाचन आयोग
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Published : Apr 28, 2021, 9:25 PM IST

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना वाले दिन के लिए जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी भी प्रत्याशी या उनके एजेंटों को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाए बिना उन सभागारों में प्रवेश नहीं मिलेगा, जहां मतगणना की जा रही होगी.

कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि की पृष्ठभूमि में बुधवार को जारी इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि प्रत्याशी या उनके एजेंट जिन्हें कोविड-19 टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं वे ही दो मई को मतगणना कक्षों में प्रवेश कर सकते हैं.

दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है. इसके अलावा लोक सभा और अन्य विधानसभाओं के लिए हुए उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती भी होगी.

पढ़ें- TMC प्रत्याशी की मौत के बाद पत्नी ने चुनाव अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

इनमें कहा गया है कि गिनती की प्रक्रिया के दौरान मतगणना केंद्रों के बाहर किसी तरह की जनसभा की अनुमति नहीं होगी. दिशा-निर्देशों में कहा गया है, 'किसी भी प्रत्याशी या एजेंट को आरटी-पीसीआर जांच कराए बिना या कोविड-19 रोधी टीके की दो खुराकें लिए बिना मतगणना सभागार में प्रवेश नहीं मिलेगा और उनको गिनती शुरू होने से 48 घंटे पहले तक की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या आरएटी रिपोर्ट या फिर टीकाकरण रिपोर्ट दिखानी होगी.'

मगतणना दो मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. जिला निर्वाचन अधिकारी उम्मीदवारों और उनके मतगणना एजेंटों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था करेंगे.

पिछले दिनों मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए निर्वाचन आयोग के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की थीं. आयोग 30 अप्रैल को हाई कोर्ट को अवगत कराएगा कि उसने कोविड से बचाव करते हुए मतगणना प्रक्रिया के लिए क्या कदम उठाए हैं.

पढ़ें- SC ने केरल के पत्रकार को इलाज के लिए बाहर भेजने के बारे में उप्र सरकार से पूछा

इससे पहले मंगलवार को आयोग ने मतगणना के बाद विजय जुलूसों पर रोक लगा दी थी. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, मतगणना एजेंटों और उम्मीदवारों के लिए पर्याप्त संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट मौजूद होने चाहिए. ऐसे एजेंटों के बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी कि दो एजेंटों के बीच एक एजेंट पीपीई किट में होंगे.

आयोग के अनुसार, मतगणना सभागारों को पर्याप्त रूप से बड़ा होना चाहिए, ताकि सामाजिक दूरी मानक का पालन किया जा सके और वह स्थान हवादार हो. मतगणना केंद्रों को मतगणना के दौरान, पहले और बाद में कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और पेपर ट्रेल मशीनों के बाहरी बॉक्सों को भी कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतगणना के लिए तैनात कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को मास्क, फेस-शील्ड, सेनिटाइजर और दस्ताने मुहैया कराए जाएंगे.

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना वाले दिन के लिए जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी भी प्रत्याशी या उनके एजेंटों को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाए बिना उन सभागारों में प्रवेश नहीं मिलेगा, जहां मतगणना की जा रही होगी.

कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि की पृष्ठभूमि में बुधवार को जारी इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि प्रत्याशी या उनके एजेंट जिन्हें कोविड-19 टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं वे ही दो मई को मतगणना कक्षों में प्रवेश कर सकते हैं.

दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है. इसके अलावा लोक सभा और अन्य विधानसभाओं के लिए हुए उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती भी होगी.

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इनमें कहा गया है कि गिनती की प्रक्रिया के दौरान मतगणना केंद्रों के बाहर किसी तरह की जनसभा की अनुमति नहीं होगी. दिशा-निर्देशों में कहा गया है, 'किसी भी प्रत्याशी या एजेंट को आरटी-पीसीआर जांच कराए बिना या कोविड-19 रोधी टीके की दो खुराकें लिए बिना मतगणना सभागार में प्रवेश नहीं मिलेगा और उनको गिनती शुरू होने से 48 घंटे पहले तक की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या आरएटी रिपोर्ट या फिर टीकाकरण रिपोर्ट दिखानी होगी.'

मगतणना दो मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. जिला निर्वाचन अधिकारी उम्मीदवारों और उनके मतगणना एजेंटों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था करेंगे.

पिछले दिनों मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए निर्वाचन आयोग के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की थीं. आयोग 30 अप्रैल को हाई कोर्ट को अवगत कराएगा कि उसने कोविड से बचाव करते हुए मतगणना प्रक्रिया के लिए क्या कदम उठाए हैं.

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इससे पहले मंगलवार को आयोग ने मतगणना के बाद विजय जुलूसों पर रोक लगा दी थी. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, मतगणना एजेंटों और उम्मीदवारों के लिए पर्याप्त संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट मौजूद होने चाहिए. ऐसे एजेंटों के बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी कि दो एजेंटों के बीच एक एजेंट पीपीई किट में होंगे.

आयोग के अनुसार, मतगणना सभागारों को पर्याप्त रूप से बड़ा होना चाहिए, ताकि सामाजिक दूरी मानक का पालन किया जा सके और वह स्थान हवादार हो. मतगणना केंद्रों को मतगणना के दौरान, पहले और बाद में कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और पेपर ट्रेल मशीनों के बाहरी बॉक्सों को भी कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतगणना के लिए तैनात कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को मास्क, फेस-शील्ड, सेनिटाइजर और दस्ताने मुहैया कराए जाएंगे.

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