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OMG! मछली खाओ इनाम पाओ: इस शख्स ने 15 मिनट में खाईं 75 पीस मछलियां, देखें VIDEO - Patna News

लोग अक्सर खेलकूद प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं. लेकिन क्या कभी मछली खाओ प्रतियोगिता (Eat Fish Competition) में हिस्सा लिया है?, अगर आपका जवाब ना है तो आप चूक गए हैं. क्योंकि यहां मुफ्त में मछली खाने के साथ साथ 10 हजार रुपए का इनाम भी रखा गया. बिहार के एक शख्स ने 15 मिनट में 75 पीस मछली खाकर प्रथम विजेता बना है . देखें वीडियो...

Eat Fish Get Reward
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Published : Jan 9, 2023, 8:48 PM IST

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पटनाः मछली खाना लगभग हर मांसाहारी को पसंद है, पर क्या आपने कभी रिकॉर्ड तोड़ मछली खाई (Eat fish get rewarded) है. नहीं तो यह खबर आपके लिए हैं. बिहार के पटना में एक सख्स ने 15 मिनट में 75 पीस मछली (Eat 75 fishes in 15 minutes) खाई. इस पटना में 'मछली खाओ इनाम पाओ' प्रतियोगिता की चर्चा हर जगह हो रही है. जो इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पाए हैं, वे मन मसोस कर रह जा रहें. क्योंकि इस प्रतियोगिता में मुफ्त में मछली खाने के साथ ही प्रथम विजेता को 10 हजार रुपए का इनाम भी मिला है.

यह भी पढ़ेंः कोसी के लाल देवांश बने नेशनल रेनाउंड शूटर, उत्तराखंड राइफल एसोशिएशन से कर रहे थे नेतृत्व

15 मिनट में 75 पीस मछली खाकर मदन अव्वलः दरअसल, इस प्रतियोगिता का उद्देश्य मछली कारोबार व खान-पान को बढ़ावा देना है. इसकी को लेकर राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ ने 'मछली खाओ इनाम पाओ' प्रतियोगिता का आयोजन किया. संघ की तरफ से खाने के लिए मछली मुफ्त में उपलब्ध कराई गई थी. इस दौरान कई युवाओं ने मछली खाकर रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की. लेकिन सभी 50 पीस से ज्यादा पार नहीं कर पाए. वहीं मदन नामक युवक ने देखते ही देखते 15 मिनट में 75 पीस मछली खा ली और प्रथम पुरस्कार के रूप में 10 हजार का इनाम भी पाया.

73 पीस मछली खाकर दूसरे स्थान पर रहे पारसः इस प्रतियोगिता में पारस ने 15 मिनट में 73 पीस मछली खाकर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं 60-60 पीस मछली पीस खाकर राजसहनी और जय कुमार झा तीसरे स्थान पर रहे. द्वितीय विजेता पारस कुमार को 5000 रुपए और तृतीय विजेता कुमार राज सहनी (राजू) और जय कुमार झा को 2500 रुपए पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गया. साथ में ट्राफी व प्रमाण-पत्र प्रदान भी दिया गया. वहीं इस प्रतियोगिता को देखने वालों की भीड़ लगी रही. लोग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवाओं का मनोबल भी बढ़ा रहे थे.

लोगों में जागरूकता लाना उद्देश्यः संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप भी प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मछली खाओ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों जागरूकता लाना है. ताकि लोग मछली पालन करने के साथ-साथ खा भी सकें. बिहार में लाखों लोग कृषि एवं मछली पालन करते हैं. लेकिन अभी भी राज्य मछली उत्पादन से आत्मनिर्भर नहीं है. बिहार में बड़े पैमाने पर मछली आंध्रप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल से मंगाया जा रहा है.

मछली खाने से कई रोगों का इलाजः ऋषिकेश ने कहा कि हफ्ते में एक बार मछली जरूर खानी चाहिए. इसका सेवन शरीर को एक्टिव रखता है. मछली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा पाई जाती है. जो स्किन के साथ-साथ बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है. मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है. इसके नियमित सेवन से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. दिल और धमनियों को मजबूत करता है. इसमें विटामिन पाया जाता है, जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. अल्जाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा प्रदान करता है. विटामिन हड्ड्यिों के विकास के लिए आवश्यक है.

बिहार की मिट्टी व पानी मछली के लिए अनुकूलः संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 8 लाख मिट्रिक टन डिमांड है. जबकि उत्पादन 6 लाख है. 2 लाख मिट्रिक टन की भरपाई आंध्रप्रदेश से 4,000 करोड़ रुपए की खरीद करके करना पड़ता है. अगर वर्तमान सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देती है तो प्रदेश के लोग आत्मनिर्भर हो सकते हैं. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. बिहार की मिट्टी व पानी मछली पालन के लिए अनुकूल है.

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पटनाः मछली खाना लगभग हर मांसाहारी को पसंद है, पर क्या आपने कभी रिकॉर्ड तोड़ मछली खाई (Eat fish get rewarded) है. नहीं तो यह खबर आपके लिए हैं. बिहार के पटना में एक सख्स ने 15 मिनट में 75 पीस मछली (Eat 75 fishes in 15 minutes) खाई. इस पटना में 'मछली खाओ इनाम पाओ' प्रतियोगिता की चर्चा हर जगह हो रही है. जो इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पाए हैं, वे मन मसोस कर रह जा रहें. क्योंकि इस प्रतियोगिता में मुफ्त में मछली खाने के साथ ही प्रथम विजेता को 10 हजार रुपए का इनाम भी मिला है.

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15 मिनट में 75 पीस मछली खाकर मदन अव्वलः दरअसल, इस प्रतियोगिता का उद्देश्य मछली कारोबार व खान-पान को बढ़ावा देना है. इसकी को लेकर राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ ने 'मछली खाओ इनाम पाओ' प्रतियोगिता का आयोजन किया. संघ की तरफ से खाने के लिए मछली मुफ्त में उपलब्ध कराई गई थी. इस दौरान कई युवाओं ने मछली खाकर रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की. लेकिन सभी 50 पीस से ज्यादा पार नहीं कर पाए. वहीं मदन नामक युवक ने देखते ही देखते 15 मिनट में 75 पीस मछली खा ली और प्रथम पुरस्कार के रूप में 10 हजार का इनाम भी पाया.

73 पीस मछली खाकर दूसरे स्थान पर रहे पारसः इस प्रतियोगिता में पारस ने 15 मिनट में 73 पीस मछली खाकर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं 60-60 पीस मछली पीस खाकर राजसहनी और जय कुमार झा तीसरे स्थान पर रहे. द्वितीय विजेता पारस कुमार को 5000 रुपए और तृतीय विजेता कुमार राज सहनी (राजू) और जय कुमार झा को 2500 रुपए पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गया. साथ में ट्राफी व प्रमाण-पत्र प्रदान भी दिया गया. वहीं इस प्रतियोगिता को देखने वालों की भीड़ लगी रही. लोग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवाओं का मनोबल भी बढ़ा रहे थे.

लोगों में जागरूकता लाना उद्देश्यः संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप भी प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मछली खाओ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों जागरूकता लाना है. ताकि लोग मछली पालन करने के साथ-साथ खा भी सकें. बिहार में लाखों लोग कृषि एवं मछली पालन करते हैं. लेकिन अभी भी राज्य मछली उत्पादन से आत्मनिर्भर नहीं है. बिहार में बड़े पैमाने पर मछली आंध्रप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल से मंगाया जा रहा है.

मछली खाने से कई रोगों का इलाजः ऋषिकेश ने कहा कि हफ्ते में एक बार मछली जरूर खानी चाहिए. इसका सेवन शरीर को एक्टिव रखता है. मछली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा पाई जाती है. जो स्किन के साथ-साथ बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है. मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है. इसके नियमित सेवन से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. दिल और धमनियों को मजबूत करता है. इसमें विटामिन पाया जाता है, जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. अल्जाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा प्रदान करता है. विटामिन हड्ड्यिों के विकास के लिए आवश्यक है.

बिहार की मिट्टी व पानी मछली के लिए अनुकूलः संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 8 लाख मिट्रिक टन डिमांड है. जबकि उत्पादन 6 लाख है. 2 लाख मिट्रिक टन की भरपाई आंध्रप्रदेश से 4,000 करोड़ रुपए की खरीद करके करना पड़ता है. अगर वर्तमान सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देती है तो प्रदेश के लोग आत्मनिर्भर हो सकते हैं. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. बिहार की मिट्टी व पानी मछली पालन के लिए अनुकूल है.

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