इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पहाड़ी इलाके में गुरुवार तड़के आए 5.9 तीव्रता के भूकंप में कई मकान ढह गए, जिससे कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए.
'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, आपदा प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि मृतक संख्या अभी और बढ़ सकती है. भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार, भूकंप का केन्द्र हरनाई में 15 किलोमीटर की गहराई पर था. भूकंप से हुए नुकसान का अभी तक आकलन नहीं लगाया जा सका है. भूकंप के झटके बलूचिस्तान के क्वेटा, सिबी, हरनाई, पिशिन, किला सैफुल्ला, चमन, जियारत और झोब में महसूस किए गए. इससे सबसे अधिक लोग उत्तर-पूर्वी जिले हरनाई में हताहत हुए हैं.
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई है और इसका केन्द्र उथली गहराई पर ही था. ऐसे में इससे अधिक नुकसान होने की आशंका है.
हरनाई के उपायुक्त सुहैल अनवर हाशमी के बताया कि भूकंप संबंधी घटनाओं में 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से छह बच्चे हैं. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने कहा कि मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के अनुसार, सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में क्वेटा में भूकंप के बाद लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं. भूकंप के बाद कई इलाकों में झटके महसूस किए जा रहे हैं. शुरुआती झटके तड़के तीन बजकर 20 मिनट पर महसूस किए गए थे, जिससे घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए.
हाशमी के अनुसार, कई लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हरनाई में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं. कई लोग मलबे में भी दब गए. 100 से अधिक मिट्टी के मकान भी ढह गए, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इलाके में बिजली आपूर्ति भी निलंबित है.
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान आल्यानी ने कहा कि वहां मदद मुहैया कराई जा रही है और लोगों को निकालने के प्रयास भी जारी हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि रक्त की व्यवस्था की गई है, एम्बुलेंस मौजूद हैं, हेलीकॉप्टर सहित अन्य आपात सेवाओं और अन्य आवश्यक चीजों का इंतजाम किया गया है.
सेना राहत व बचाव कार्य में जुटी
सेना ने एक बयान में कहा कि सैनिक हरनाई के भूकंप प्रभावित इलाके में पहुंच गए हैं और तलाश एवं बचाव कार्य में जुटे हैं. बयान में कहा गया कि खाद्य पदार्थ एवं अन्य आवश्यक समान भूकंप प्रभावित लोगों के लिए भेजा गया है. सेना के चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी आवश्यक दवाइयों के साथ मौके पर पहुंचे हैं और नगर प्रशासन की मदद कर रहे हैं.
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के महानिदेशक नसीर अहमद नासिर ने ‘जियो न्यूज' को बताया कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन भी हुए हैं. गृह मंत्री मीर जियाउल्ला लांगोवे ने बताया कि पांच से छह जिलों में व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है और उसका अब भी आकलन किया जा रहा है.
पाकिस्तान, भारतीय और यूरेशियन 'टेक्टोनिक प्लेटों' के बीच है और सिंधु-त्सांगपो सिवनी क्षेत्र पर स्थित है, जो 'हिमालय फ्रंट' से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में है, जो इस क्षेत्र को भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है. गौरतलब है कि आठ अक्टूबर 2005 को आए भीषण भूकंप में 74,000 से अधिक लोग मारे गए थे.
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं.
- या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए.
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें.
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(पीटीआई-भाषा)