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हिमाचल के कुल्लू में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 2.9 थी तीव्रता - earthquake in kullu

कुल्लू में भूकंप के झटके लगे हैं. भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 5 किलोमीटर गहराई पर था. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के पांचवें सेंसिटिव जोन में होने से यहां पर हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है.

हिमाचल के कुल्लू में भूकंप के झटके
हिमाचल के कुल्लू में भूकंप के झटके
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Published : Aug 27, 2021, 11:44 AM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जिला कुल्लू में सुबह 5 बजकर 31 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके आए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई है. हालांकि भूकंप से किसी नुकसान की खबर नहीं है.

भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 5 किलोमीटर गहराई पर था. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश पांचवें सेंसिटिव जोन में है. इस वजह से यहां हर समय भूकंप का खतरा बना रहता है.

हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. हिमाचल में जब भी भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही की याद ताजा हो जाती हैं. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के कटरा में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जिला कुल्लू में सुबह 5 बजकर 31 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके आए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई है. हालांकि भूकंप से किसी नुकसान की खबर नहीं है.

भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 5 किलोमीटर गहराई पर था. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश पांचवें सेंसिटिव जोन में है. इस वजह से यहां हर समय भूकंप का खतरा बना रहता है.

हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. हिमाचल में जब भी भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही की याद ताजा हो जाती हैं. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी.

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