नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के उद्देश्य से नेपाल की दो दिवसीय यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर अपने नेपाल के समकक्ष एन. पी. सऊद के साथ भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए नेपाल के विदेश मंत्री एन. पी सउद के निमंत्रण पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर चार से पांच जनवरी तक काठमांडू की यात्रा करेंगे.' भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की स्थापना 1987 में की गई थी और यह दोनों देशों को द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान जयशंकर नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे और प्रमुख राजनीतिक गणमान्य व्यक्तियों से मिलेंगे.
मंत्रालय ने कहा, 'नेपाल अपनी पड़ोसी प्रथम नीति के तहत भारत का एक प्राथमिकता वाला भागीदार है. यह यात्रा दो करीबी और मित्र पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आपसी सहयोग की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है.'
मंत्रालय के अनुसार, सीमा से सीमा तक फैले तीन दर्जन से अधिक एजेंडे- व्यापार, वाणिज्य, आर्थिक सहयोग, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, नेपाल में भारत द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं से लेकर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की 2023 की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों पर भी दोनों पक्षों द्वारा चर्चा की जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग और उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) के तहत छोटी विकास परियोजनाओं के लिए धन बढ़ाने के भारत के प्रस्ताव से संबंधित कम से कम दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
पिछली गर्मियों में दहल की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देश ऊर्जा पर एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए थे, जिसके तहत नई दिल्ली 10 वर्षों में काठमांडू से 10,000 मेगावाट का आयात करेगी. 22 दिसंबर 2023 को एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री दहल ने कहा था, 'हम जल्द ही भारत के साथ एक दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. काठमांडू में मध्यावधि और दीर्घकालिक ऊर्जा व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.'
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