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भारत और इजराइल अगले महीने से एफटीए पर वार्ता को फिर शुरू करने पर सहमत

भारत और इजराइल सोमवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अगले महीने से बातचीत फिर शुरू करने पर सहमत हो गए जो लंबे समय से लंबित करार के अगले साल जून तक पूरा होने को लेकर आश्वस्त हैं.

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Published : Oct 18, 2021, 6:29 PM IST

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नई दिल्ली : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री याइर लापिद से मुलाकात के बाद कहा कि हमारे अधिकारी वास्तव में नवंबर में भारत-इजराइल मुक्त व्यापार वार्ता को फिर शुरू करने पर सहमत हुए हैं. उन्हें पूरा भरोसा है कि हम अगले जून तक वार्ता को पूरा करने में सक्षम होंगे.

एफटीए को लेकर दोनों पक्षों के बीच एक दशक से अधिक समय से चर्चा चल रही है लेकिन यह पहली बार है कि प्रक्रिया को गंभीरता प्रदान करते हुए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों द्वारा वर्षों से कई घोषणाएं की गई हैं लेकिन समझौता अब तक नहीं हो पाया है.

लापिद ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों और व्यापारिक समुदायों के हित में एफटीए को जितनी जल्दी हो सके अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच दोस्ती के और मजबूत होने को लेकर आशान्वित हैं और भारत इजराइल का रणनीतिक भागीदार ही नहीं बल्कि दोस्त भी है.

लापिद ने कहा कि हम कई वर्षों से भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखते हैं. भारत सहयोग के नए अवसर भी लाता है. दोनों मंत्रियों ने पानी और कृषि के क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी चर्चा की. भारत के नेतृत्व वाली वैश्विक पहल-अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में भी इजराइल शामिल हुआ है जिससे संबंधित समझौते पर जयशंकर और इजराइली ऊर्जा मंत्री करीन एल्हारर ने दस्तखत किए.

जयशंकर ने कहा कि सबसे पहले मैं यह बताना चाहता हूं कि इजराइल को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होते हुए देखना कितना सुखद है. मुझे लगता है कि आपका बहुत अधिक महत्व है और जैसे ही हम सीओपी 26 के करीब पहुंचते हैं, यह हमारे आगे बढ़ते एजेंडे एवं हरित अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के बाद एल्हारर ने कहा कि सूर्य के प्रकाश की प्रचुरता वाले एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले 80 से अधिक देशों के साथ आईएसए से जुड़ने से इजराइल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और हरित भविष्य के लिए समाधानों को बढ़ावा देने में योगदान दे सकेगा तथा इसका लाभ अर्जित कर सकेगा.

इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत निमंत्रण पर आईएसए के एक डिजिटल सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा था कि उनका देश कार्बन और प्रदूषण में कमी लाने के प्रयासों में भारत का भागीदार है. प्रदूषण पर नियंत्रण और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए आईएसए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल है जिससे लगभग 80 देश पहले ही जुड़ चुके हैं.

कोविड महामारी के बीच दोनों देशों के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए भारत और इजराइल भी टीकाकरण प्रमाणपत्रों को पारस्परिक रूप से मान्यता देने पर सहमत हुए हैं. लापिद ने कहा कि महामारी के दौरान भारत और इजराइल ने एक-दूसरे की मदद की तथा मित्र एवं भागीदार ऐसा ही करते हैं.

रविवार को यहां अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे जयशंकर इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट और राष्ट्रपति इसाक हेरजोग से भी मिलेंगे. वह इजराइल के प्रमुख शिक्षाविदों, व्यापारिक समुदाय के नेताओं और भारतीय यहूदी समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे.

यह भी पढ़ें-चुनाव तय करते हैं मौत के बाद सरकारी सहायता की रकम, जाने क्या हैं मुआवजे के नियम ?

जयशंकर भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का भी दौरा करेंगे, जो इस क्षेत्र में इसकी दीर्घकालिक उपस्थिति और क्षेत्र के इतिहास को आकार देने में निभाई गई रचनात्मक भूमिका को दिखाता है. जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की इजराइल की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत और इजराइल ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित किया था.

नई दिल्ली : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री याइर लापिद से मुलाकात के बाद कहा कि हमारे अधिकारी वास्तव में नवंबर में भारत-इजराइल मुक्त व्यापार वार्ता को फिर शुरू करने पर सहमत हुए हैं. उन्हें पूरा भरोसा है कि हम अगले जून तक वार्ता को पूरा करने में सक्षम होंगे.

एफटीए को लेकर दोनों पक्षों के बीच एक दशक से अधिक समय से चर्चा चल रही है लेकिन यह पहली बार है कि प्रक्रिया को गंभीरता प्रदान करते हुए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों द्वारा वर्षों से कई घोषणाएं की गई हैं लेकिन समझौता अब तक नहीं हो पाया है.

लापिद ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों और व्यापारिक समुदायों के हित में एफटीए को जितनी जल्दी हो सके अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच दोस्ती के और मजबूत होने को लेकर आशान्वित हैं और भारत इजराइल का रणनीतिक भागीदार ही नहीं बल्कि दोस्त भी है.

लापिद ने कहा कि हम कई वर्षों से भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखते हैं. भारत सहयोग के नए अवसर भी लाता है. दोनों मंत्रियों ने पानी और कृषि के क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी चर्चा की. भारत के नेतृत्व वाली वैश्विक पहल-अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में भी इजराइल शामिल हुआ है जिससे संबंधित समझौते पर जयशंकर और इजराइली ऊर्जा मंत्री करीन एल्हारर ने दस्तखत किए.

जयशंकर ने कहा कि सबसे पहले मैं यह बताना चाहता हूं कि इजराइल को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होते हुए देखना कितना सुखद है. मुझे लगता है कि आपका बहुत अधिक महत्व है और जैसे ही हम सीओपी 26 के करीब पहुंचते हैं, यह हमारे आगे बढ़ते एजेंडे एवं हरित अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के बाद एल्हारर ने कहा कि सूर्य के प्रकाश की प्रचुरता वाले एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले 80 से अधिक देशों के साथ आईएसए से जुड़ने से इजराइल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और हरित भविष्य के लिए समाधानों को बढ़ावा देने में योगदान दे सकेगा तथा इसका लाभ अर्जित कर सकेगा.

इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत निमंत्रण पर आईएसए के एक डिजिटल सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा था कि उनका देश कार्बन और प्रदूषण में कमी लाने के प्रयासों में भारत का भागीदार है. प्रदूषण पर नियंत्रण और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए आईएसए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल है जिससे लगभग 80 देश पहले ही जुड़ चुके हैं.

कोविड महामारी के बीच दोनों देशों के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए भारत और इजराइल भी टीकाकरण प्रमाणपत्रों को पारस्परिक रूप से मान्यता देने पर सहमत हुए हैं. लापिद ने कहा कि महामारी के दौरान भारत और इजराइल ने एक-दूसरे की मदद की तथा मित्र एवं भागीदार ऐसा ही करते हैं.

रविवार को यहां अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे जयशंकर इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट और राष्ट्रपति इसाक हेरजोग से भी मिलेंगे. वह इजराइल के प्रमुख शिक्षाविदों, व्यापारिक समुदाय के नेताओं और भारतीय यहूदी समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे.

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जयशंकर भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का भी दौरा करेंगे, जो इस क्षेत्र में इसकी दीर्घकालिक उपस्थिति और क्षेत्र के इतिहास को आकार देने में निभाई गई रचनात्मक भूमिका को दिखाता है. जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की इजराइल की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत और इजराइल ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित किया था.

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