सुरेंद्रनगर: सुरेंद्रनगर जिले के ठाणे तालुका के त्रिनेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित पारंपरिक तरणेतर लोक मेला कोरोना के कारण दो साल तक नहीं हो सका. अब जबकि स्थिति सामान्य हो गई है, प्रसाशन द्वारा दो साल बाद होने वाले तरणेतर मेला को उत्साहपूर्वक आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. हालांकि, मेले की एक प्रमुख परंपरा, पशु मेला और पशु प्रतियोगिता है.
इस वर्ष मवेशियों में लम्पी वायरस के प्रकोप के कारण इस वर्ष मेले में पशु प्रतियोगिता और पशु मेला रद्द कर दिया गया है. सुरेंद्रनगर जिले में हर साल भाद्रपद महिना के दौरान आयोजित होने वाला तरणेतर मेला न केवल गुजरात में बल्कि अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के कारण विदेशों में भी प्रसिद्ध है. पिछले दो साल से कोरोना के चलते जब मेला बंद था तो इस साल मेले के आयोजन की व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी गई है.
सुरेंद्रनगर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई जिसमें मेले की योजना के संबंध में जिला कलेक्टर द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश और मार्गदर्शन दिया गया. तरणेतर मेले को लोक मेला के नाम से जाना जाता है और इस मेले में पशु मेला व पशु प्रतियोगिता के साथ पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं.
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लेकिन वर्तमान में सुरेंद्रनगर जिले सहित पूरे राज्य में मवेशियों में लम्पी वायरस के प्रकोप के कारण इस वर्ष मेले में पशु मेला और पशु प्रतियोगिता रद्द कर दी गई है. साथ ही जिला कलेक्टर ने मेले का लुत्फ उठाने के लिए आने वाले लोगों के साथ-साथ व्यवस्था के अधिकारियों से स्वच्छता पर विशेष नजर रखने की अपील की है ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके.