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किस्त भरने के लिए किया जा रहा था तंग, कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या

यूपी के लखनऊ में कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान पर लगातार किस्त भरने का दबाव बनाया जा रहा था.

किसान ने की आत्महत्या.
किसान ने की आत्महत्या.
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Published : Sep 30, 2022, 6:19 PM IST

लखनऊ: निजी संस्था की साप्ताहिक किस्त के दबाव के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक किसान ने शुक्रवार को फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. मामला लखनऊ के माल थाना क्षेत्र का है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.

मॉल के नईबस्ती निवासी किसान कैलाश यादव(30) अपनी पत्नी अर्चना और 3 वर्षीय बेटे अनमोल के साथ रहकर किसी तरह जीवन यापन कर रहा था. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले जीविकोपार्जन के लिए गांव-गांव पहुंचकर कर्ज बांटने वाली निजी संस्था से उसने ब्याज पर पैसे लिए थे. लेकिन वह संस्था की साप्ताहिक किस्त अदा कर पाने में असमर्थ था और पैसे अदा करने के लिए समय मांग रहा था. लेकिन संस्था के प्रतिनिधि हर रोज उसके घर पहुंच जाते और उसे धमकाते थे. जबरन वसूली से पीड़ित और कुछ अन्य पारिवारिक कारणों से उसने गांव के एक आम की बाग में गमछे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी.

क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद योगेंद्र कुमार ने बताया कि शुक्रवार को मृतक के भाई रामू ने कैलाश को पेड़ से लटकता देख घरवालों और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है. भाई ने बताया कि परिवार की आर्थिक तंगी से कैलाश काफी परेशान रहने लगा था. इसके चलते उसने फांसी लगा ली. फिलहाल परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है.

लखनऊ: निजी संस्था की साप्ताहिक किस्त के दबाव के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक किसान ने शुक्रवार को फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. मामला लखनऊ के माल थाना क्षेत्र का है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.

मॉल के नईबस्ती निवासी किसान कैलाश यादव(30) अपनी पत्नी अर्चना और 3 वर्षीय बेटे अनमोल के साथ रहकर किसी तरह जीवन यापन कर रहा था. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले जीविकोपार्जन के लिए गांव-गांव पहुंचकर कर्ज बांटने वाली निजी संस्था से उसने ब्याज पर पैसे लिए थे. लेकिन वह संस्था की साप्ताहिक किस्त अदा कर पाने में असमर्थ था और पैसे अदा करने के लिए समय मांग रहा था. लेकिन संस्था के प्रतिनिधि हर रोज उसके घर पहुंच जाते और उसे धमकाते थे. जबरन वसूली से पीड़ित और कुछ अन्य पारिवारिक कारणों से उसने गांव के एक आम की बाग में गमछे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी.

क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद योगेंद्र कुमार ने बताया कि शुक्रवार को मृतक के भाई रामू ने कैलाश को पेड़ से लटकता देख घरवालों और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है. भाई ने बताया कि परिवार की आर्थिक तंगी से कैलाश काफी परेशान रहने लगा था. इसके चलते उसने फांसी लगा ली. फिलहाल परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है.

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