ETV Bharat / bharat

सावरकर विवाद पर बोले डॉ. वीएस नेगी, विरोधियों का काम विरोध करना - naming new college after Veer Savarkar

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने के फैसला पर विरोध शुरू हो गया है. दिल्ली कांग्रेस प्रभारी और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि किसी का नाम रख देने से कोई भी वीर नहीं हो जाता है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि विपक्षियों का काम ही विरोध करना है.

डॉ. वीएस नेगी
डॉ. वीएस नेगी
author img

By

Published : Nov 2, 2021, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में वीर सावरकर को लेकर चल रहा विवाद नया नहीं है. इससे पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने नार्थ कैंपस में आर्ट्स फैकेल्टी गेट नंबर 4 के बाहर वीर सावरकर की प्रतिमा लगा दी थी जिसको लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था.

दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने के फैसला पर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जो अंग्रेजों से माफी मांगे और स्वतंत्र सेनानियों के खिलाफ गवाह बना हो, वह वीर नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि नाम रखने से कोई बड़ा आदमी नहीं हो सकता है और न ही इतिहास बदल सकता है.

डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. वीएस नेगी का बयान

वहीं, इस विवाद पर डीयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य और डीयू से संबद्ध शहीद भगत सिंह कॉलेज के शिक्षक डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि विरोधियों का काम ही विरोध करना है. उन्होंने कहा कि जब कोई शैक्षणिक संस्थान नया खुल रहा है तो इससे छात्रों को फायदा ही होगा, इसका तो सभी को स्वागत करना चाहिए न कि शैक्षणिक संस्थानों का किसी को विरोध करना चाहिए.

साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में 3500 से अधिक शैक्षणिक संस्थान ऐसे हैं, जहां पर महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के नाम पर बनाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि जो भी कोई व्यक्ति वीर सावरकर के ऊपर सवाल उठा रहा है, वह उनकी महानता ही है कि हर कोई उनके बारे में चर्चा कर रहा है. डॉ. नेगी ने कहा कि डीयू के सभी छात्र, शिक्षक और कर्मचारी खुलने वाले इस नए कॉलेज का स्वागत कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में नॉर्थ कैंपस आर्ट फैकल्टी गेट नंबर 4 के बाहर वीर सावरकर की प्रतिमा के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस और शहीद भगत सिंह की प्रतिमा लगा दी थी. जिसके बाद कैंपस में वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था. उस दौरान एनएसयूआई के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने प्रतिमा पर कालिख पोत दी थी.

यह भी पढ़ें- सावरकर और सुषमा स्वराज के नाम पर होंगे DU के कॉलेज, EC की बैठक में हुआ फैसला

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो नए खुलने वाले कॉलेज जिसका नाम पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखने का फैसला किया है. इसमें से दक्षिणी दिल्ली के भाटी माइंस में बनने वाले कॉलेज का नाम स्वर्गीय सुषमा स्वराज के नाम पर रखा जाएगा और नजफगढ़ में बनने वाले कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने का फैसला किया गया है.

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में वीर सावरकर को लेकर चल रहा विवाद नया नहीं है. इससे पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने नार्थ कैंपस में आर्ट्स फैकेल्टी गेट नंबर 4 के बाहर वीर सावरकर की प्रतिमा लगा दी थी जिसको लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था.

दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने के फैसला पर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जो अंग्रेजों से माफी मांगे और स्वतंत्र सेनानियों के खिलाफ गवाह बना हो, वह वीर नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि नाम रखने से कोई बड़ा आदमी नहीं हो सकता है और न ही इतिहास बदल सकता है.

डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. वीएस नेगी का बयान

वहीं, इस विवाद पर डीयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य और डीयू से संबद्ध शहीद भगत सिंह कॉलेज के शिक्षक डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि विरोधियों का काम ही विरोध करना है. उन्होंने कहा कि जब कोई शैक्षणिक संस्थान नया खुल रहा है तो इससे छात्रों को फायदा ही होगा, इसका तो सभी को स्वागत करना चाहिए न कि शैक्षणिक संस्थानों का किसी को विरोध करना चाहिए.

साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में 3500 से अधिक शैक्षणिक संस्थान ऐसे हैं, जहां पर महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के नाम पर बनाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि जो भी कोई व्यक्ति वीर सावरकर के ऊपर सवाल उठा रहा है, वह उनकी महानता ही है कि हर कोई उनके बारे में चर्चा कर रहा है. डॉ. नेगी ने कहा कि डीयू के सभी छात्र, शिक्षक और कर्मचारी खुलने वाले इस नए कॉलेज का स्वागत कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में नॉर्थ कैंपस आर्ट फैकल्टी गेट नंबर 4 के बाहर वीर सावरकर की प्रतिमा के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस और शहीद भगत सिंह की प्रतिमा लगा दी थी. जिसके बाद कैंपस में वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था. उस दौरान एनएसयूआई के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने प्रतिमा पर कालिख पोत दी थी.

यह भी पढ़ें- सावरकर और सुषमा स्वराज के नाम पर होंगे DU के कॉलेज, EC की बैठक में हुआ फैसला

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो नए खुलने वाले कॉलेज जिसका नाम पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखने का फैसला किया है. इसमें से दक्षिणी दिल्ली के भाटी माइंस में बनने वाले कॉलेज का नाम स्वर्गीय सुषमा स्वराज के नाम पर रखा जाएगा और नजफगढ़ में बनने वाले कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने का फैसला किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.