नई दिल्ली: कर्नाटक में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने वन विभाग के साथ एक संयुक्त अभियान में 48 विभिन्न प्रजातियों से संबंधित 139 दुर्लभ जानवरों को बरामद किया. इनमें 34 प्रजाति ऐसे हैं जो वन्य जीव और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन के तहत सूचीबद्ध हैं.
एक बयान में डीआरआई ने कहा कि विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने एक महिला यात्री सहित तीन यात्रियों को रोका. यात्री 22 जनवरी को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बैंकाक से आए थे. बयान में कहा गया कि वन विभाग के अधिकारियों की सहायता से इनकी जांच की गई. इस दौरान जानवरों की बरामदगी हुई.
डीआरआई के बयान के अनुसार यात्रियों के पास से दुर्लभ जानवरों को रखने के बावत कोई वैध आयात का सबूत या दस्तावेज नहीं पाया गया. हालांकि, तस्करी के माध्यम से वन्यजीवों के खरीद फरोख्त के सबूत मिले हैं. डीआरआई ने आगे कहा कि बरामद किए गए जानवरों में पीले और हरे रंग के एनाकोंडा, पीले सिर वाले अमेजन तोते, नील मॉनिटर, रेड फुट कछुआ, इगुआनास, बॉल पाइथन, एलीगेटर गार, याकी बंदर, वील्ड गिरगिट, रैकून डॉग जैसे अत्यंत दुर्लभ जानवर शामिल हैं.
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बता दें कि सरकार ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 को देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया था. जनवरी 2003 में अधिनियम में संशोधन किया गया था. इसके बाद इन अपराधों के लिए जुर्माना और अधिक कठोर बना दिया.
इससे पहले अक्टूबर में चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर बैंकॉक से आने वाले एक यात्री रोका और उसके सामान की तलाशी ली गई. अधिकारियों ने इस यात्री के बैग से दुर्लभ प्रजाति के कम से कम 23 जानवर बरामद किए. बैंकॉक से आए इस यात्री के बैग में से एक डीब्रेजा बंदर, 15 किंग स्नेक, 5 बॉल पायथन और 2 एल्डब्रा कछुआ मिले.