शिमला : गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से जब्त की गई 21 हजार करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन मामले के तार हिमाचल प्रदेश से जुड़े रहे हैं. शिमला और कुल्लू से पिछले तीन दिनों में तीन गिरफ्तारी हो चुकी है.
बीते दिनों शिमला में एक निजी होटल से राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से जब्त की गई हेरोइन की खेप की जांच के संबंध में दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया था. इन दोनों की हेरोइन की बड़ी खेप को भारत पहुंचाने में अहम भूमिका मानी जा रही थी.
शिमला में कार्रवाई के बाद डीआरआई की टीम ने बुधवार की शाम पर्यटन नगरी कुल्लू से भी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि टीम ने कुल्लू में तीन लोगों से पूछताछ की थी. इसके बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. कुल्लू कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेकर टीम मुंबई रवाना हो गई.
डीआरआई की एक टीम सोमवार रात को कुल्लू पहुंची थी. राजस्व आसूचना निदेशालय के अधिकारियों ने पहले होटल में इसके बाद एसयूआई के कार्यालय में पूछताछ इन व्यक्तियों से पूछताछ की. गिरफ्तार किये गए उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.
मुंद्रा बंदरगाह हेरोइन जब्ती मामले में कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा
कांग्रेस ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये का हेरोइन जब्त होने के मामले में केंद्र सरकार पर गुरुवार को निशाना साधा और इस मामले में सीबीआई समेत सभी प्रमुख एजेंसियों से जांच कराने की मांग की.
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने दो सप्ताह पहले कच्छ जिले के मुंद्रा पोर्ट पर दो कंटेनरों से 2988.21 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी और पांच विदेशी नागरिकों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में यह सवाल भी उठाया कि मादक पदार्थों की समस्या से निपटने वाली एजेंसी स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) में इस समय पूर्णकालिक निदेशक क्यों नहीं है.
खेड़ा ने कहा, 'कुछ खबरों में दावा किया गया है कि इस जब्ती से पहले 25 टन हेरोइन जून में इसी बंदरगाह पर पहुंचा था और बिना रोकटोक के देश के अनेक हिस्सों तक पहुंच गया. महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि गुजरात धीरे-धीरे देश की ड्रग राजधानी बनती जा रही है.'
उन्होंने कहा, 'पूरे गिरोह के पीछे बड़े खिलाड़ी कौन हैं? कौन इस नेटवर्क को चला रहा है.' कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि इस बंदरगाह पर मादक पदार्थ नियमित कैसे पहुंच रहे हैं, दूसरों पर क्यों नहीं.
गौरतलब है कि मुंद्रा पोर्ट का संचालन अडाणी समूह करता है जिसने पहले बयान जारी कर कहा था कि डीआरआई समेत केवल सरकारी प्राधिकारों को गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांच करने और जब्त करने की अनुमति है और पत्तन संचालकों को नहीं.
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खेड़ा ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मादक पदार्थ नेटवर्क का पता लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. कांग्रेस सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर करेगी. हम चाहते हैं कि केंद्र सीबीआई तथा एनसीबी जैसी सभी प्रमुख एजेंसियों के माध्यम से विस्तृत जांच कराए.'