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DRDO जासूसी मामले का पाकिस्तान कनेक्शन : क्राइम ब्रांच

ओडिशा में डीआरडीओ के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) जासूसी मामले में संदिग्ध महिला का पाकिस्तान कनेक्शन उजागर हुआ है. अपराध शाखा के एडीजी संजीव पांडा का कहना है कि संदिग्ध महिला को कथित तौर पर प्रॉक्सी आईपी के जरिए पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था.

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Published : Oct 6, 2021, 3:25 PM IST

भुवनेश्वर: डीआरडीओ जासूसी मामले में ओडिशा पुलिस (अपराध शाखा) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) संजीव पांडा का कहना है कि संदिग्ध महिला को कथित तौर पर प्रॉक्सी आईपी के जरिए पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था.

चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) मामले में क्राइम ब्रांच के एडीजी के मुताबिक पाकिस्तान से चार फेसबुक अकाउंट ऑपरेट किए जा रहे थे, तीन इस्लामाबाद और एक रावलपिंडी से संचालित किया जा रहा था. संजीव पांडा ने कहा कि अकाउंट का आईपी एड्रेस पाकिस्तान का था, जबकि प्रॉक्सी आईपी पते भारत, अमेरिका और जर्मनी के उपयोग किए जा रहे थे.

पांडा ने कहा कि जबकि कुछ खाते अभी भी सक्रिय हैं और उनसे चैटिंग का पता चला है. अपराध शाखा ने भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम से तकनीकी डेटा मांगा है.
उन्होंने बताया कि मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ का पहला चरण पूरा हो चुका है, वहीं क्राइम ब्रांच तकनीकी डाटा मिलने के बाद आरोपी की और रिमांड मांगेगी. गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच पहले ही संदिग्ध महिला की पहचान उसके एक सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल फोटो को उसके वीडियो से मिलाकर कर चुकी है. हालांकि, उसकी पहचान अभी तक स्थापित नहीं हो पाई है.

दो आरोपियों से रखा था शादी का प्रस्ताव
पांडा ने पहले बताया था कि संदिग्ध महिला ने दो आरोपियों से शादी करने का प्रस्ताव रखा था. उसने एक आरोपी से यहां तक ​​कहा था कि वह चांदीपुर में उसके घर जाएगी. संदिग्ध महिला यूके (यूनाइटेड किंगडम) के एक मोबाइल फोन नंबर का उपयोग कर रही थी और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करके आरोपी व्यक्तियों के साथ चैट और बात करती थी. उसने दो आरोपियों से वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत की थी. वह हिंदी में बात करती थी और अलग-अलग नाम और तस्वीरों के साथ अलग-अलग पहचान के तहत सात फेसबुक अकाउंट के जरिए आरोपी व्यक्तियों से संपर्क करती थी.
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
ओडिशा पुलिस ने डीआरडीओ के चार संविदा कर्मचारियों को चांदीपुर में आईटीआर सुविधा से एक पाकिस्तानी एजेंट को रहस्य लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोपियों में एसी ऑपरेटर बसंत बेहरा, डीजल जेनसेट ऑपरेटर हेमंत कुमार मिस्त्री, आईटीआर मुख्य द्वार पर ड्यूटी पर कर्मचारी तपस रंजन नायक, और एसी ऑपरेटर एसके थे. सभी बालासोर जिले से हैं.

पढ़ें- DRDO जासूसी मामले के आरोपी को दुबई से मिलते थे पैसे: क्राइम ब्रांच

पुलिस ने बाद में डीआरडीओ के ड्राइवर और स्थायी कर्मचारी सचिन कुमार को गिरफ्तार किया जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.आईटीआर कॉलोनी में रहने वाला कुमार कथित तौर पर पाकिस्तानी एजेंट को सूचना मुहैया कराने में चारों आरोपियों की मदद कर रहा था. आईटीआर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है जो रॉकेट, मिसाइल और हवाई हथियार प्रणाली के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए प्रक्षेपण सुविधाएं प्रदान करती है.

भुवनेश्वर: डीआरडीओ जासूसी मामले में ओडिशा पुलिस (अपराध शाखा) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) संजीव पांडा का कहना है कि संदिग्ध महिला को कथित तौर पर प्रॉक्सी आईपी के जरिए पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था.

चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) मामले में क्राइम ब्रांच के एडीजी के मुताबिक पाकिस्तान से चार फेसबुक अकाउंट ऑपरेट किए जा रहे थे, तीन इस्लामाबाद और एक रावलपिंडी से संचालित किया जा रहा था. संजीव पांडा ने कहा कि अकाउंट का आईपी एड्रेस पाकिस्तान का था, जबकि प्रॉक्सी आईपी पते भारत, अमेरिका और जर्मनी के उपयोग किए जा रहे थे.

पांडा ने कहा कि जबकि कुछ खाते अभी भी सक्रिय हैं और उनसे चैटिंग का पता चला है. अपराध शाखा ने भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम से तकनीकी डेटा मांगा है.
उन्होंने बताया कि मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ का पहला चरण पूरा हो चुका है, वहीं क्राइम ब्रांच तकनीकी डाटा मिलने के बाद आरोपी की और रिमांड मांगेगी. गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच पहले ही संदिग्ध महिला की पहचान उसके एक सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल फोटो को उसके वीडियो से मिलाकर कर चुकी है. हालांकि, उसकी पहचान अभी तक स्थापित नहीं हो पाई है.

दो आरोपियों से रखा था शादी का प्रस्ताव
पांडा ने पहले बताया था कि संदिग्ध महिला ने दो आरोपियों से शादी करने का प्रस्ताव रखा था. उसने एक आरोपी से यहां तक ​​कहा था कि वह चांदीपुर में उसके घर जाएगी. संदिग्ध महिला यूके (यूनाइटेड किंगडम) के एक मोबाइल फोन नंबर का उपयोग कर रही थी और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करके आरोपी व्यक्तियों के साथ चैट और बात करती थी. उसने दो आरोपियों से वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत की थी. वह हिंदी में बात करती थी और अलग-अलग नाम और तस्वीरों के साथ अलग-अलग पहचान के तहत सात फेसबुक अकाउंट के जरिए आरोपी व्यक्तियों से संपर्क करती थी.
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
ओडिशा पुलिस ने डीआरडीओ के चार संविदा कर्मचारियों को चांदीपुर में आईटीआर सुविधा से एक पाकिस्तानी एजेंट को रहस्य लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोपियों में एसी ऑपरेटर बसंत बेहरा, डीजल जेनसेट ऑपरेटर हेमंत कुमार मिस्त्री, आईटीआर मुख्य द्वार पर ड्यूटी पर कर्मचारी तपस रंजन नायक, और एसी ऑपरेटर एसके थे. सभी बालासोर जिले से हैं.

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पुलिस ने बाद में डीआरडीओ के ड्राइवर और स्थायी कर्मचारी सचिन कुमार को गिरफ्तार किया जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.आईटीआर कॉलोनी में रहने वाला कुमार कथित तौर पर पाकिस्तानी एजेंट को सूचना मुहैया कराने में चारों आरोपियों की मदद कर रहा था. आईटीआर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है जो रॉकेट, मिसाइल और हवाई हथियार प्रणाली के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए प्रक्षेपण सुविधाएं प्रदान करती है.

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