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जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को पुनर्जीवित करने के आरोप में दर्जनों लोग हिरासत में - जेकेएलएफ के तीन दर्जन से अधिक सदस्य गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर घाटी में अलगाववाद और उग्रवाद को पुनर्जीवित करने की साजिश रचने के आरोप में तीन दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.

Jammu and kashmir
जम्मू-कश्मीर
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Published : Jul 10, 2023, 7:55 PM IST

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के तीन दर्जन से अधिक सदस्यों को 'सत्यापन' के लिए श्रीनगर शहर के एक रेस्तरां से हिरासत में लिया है. घटनाक्रम के बाद, श्रीनगर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि श्रीनगर के एक होटल में कुछ पूर्व जेकेएलएफ आतंकवादियों और पूर्व अलगाववादियों की बैठक की पुष्टि की गई जानकारी के आधार पर तलाशी ली गई. सत्यापन के लिए उसे कोठी बाग थाने लाया गया. एक जांच शुरू की गई, जिसमें प्रथम दृष्टया खुलासा हुआ कि वह जेकेएलएफ और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहा था. सोमवार को, पुलिस ने कहा कि वे अभी भी रेस्तरां में भीड़ से जुड़े तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, "कल हमें सूचना मिली कि कुछ लोग एक सभा की आड़ में कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं." यह कार्यक्रम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) से संबद्ध डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (डीपीएम) द्वारा आयोजित किया गया था. कोठी बाग पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों की एक टीम ने परिसर पर छापा मारा और सत्यापन के लिए तीन दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. जांच अभी भी जारी है.

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग डीपीएम, इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन और जेकेएलएफ के हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी, शमसीउद्दीन रहमान, फिरदौस अहमद शाह, मुहम्मद रफीक पहलू और मुहम्मद यासीन बट प्रमुख हैं. मामले और लोगों की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, "सवाल-जवाब अभी जारी है. सत्यापन पूरा होने के बाद संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी."

इस बीच, इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन के प्रवक्ता ने भी एक बयान में पुष्टि की कि उनके अध्यक्ष मसरूर अंसारी को कुछ अन्य लोगों के साथ कल हिरासत में लिया गया था. गौरतलब है कि मसरूर अंसारी के पिता मौलाना अब्बास अंसारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष थे.

22 मार्च, 2019 को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपी) के तहत अलगाववादी यासीन मलिक के जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर इस साल 28 जनवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत श्रीनगर के राजबाग इलाके में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस मुख्यालय को सील कर दिया.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, "कल हमें सूचना मिली कि कुछ लोग एक सभा की आड़ में कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं." यह कार्यक्रम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) से संबद्ध डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (डीपीएम) द्वारा आयोजित किया गया था. कोठी बाग पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों की एक टीम ने परिसर पर छापा मारा और सत्यापन के लिए तीन दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. जांच अभी भी जारी है.

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग डीपीएम, इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन और जेकेएलएफ के हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी, शमसीउद्दीन रहमान, फिरदौस अहमद शाह, मुहम्मद रफीक पहलू और मुहम्मद यासीन बट प्रमुख हैं. मामले और लोगों की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, "सवाल-जवाब अभी जारी है. सत्यापन पूरा होने के बाद संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी."

इस बीच, इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन के प्रवक्ता ने भी एक बयान में पुष्टि की कि उनके अध्यक्ष मसरूर अंसारी को कुछ अन्य लोगों के साथ कल हिरासत में लिया गया था. गौरतलब है कि मसरूर अंसारी के पिता मौलाना अब्बास अंसारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष थे.

22 मार्च, 2019 को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपी) के तहत अलगाववादी यासीन मलिक के जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर इस साल 28 जनवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत श्रीनगर के राजबाग इलाके में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस मुख्यालय को सील कर दिया.

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