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हरियाणा के डॉक्टरों ने जोड़ा मरीज का कटा हाथ, पहले की तरह काम कर पाएगा शख्स, 10 घंटे चला ऑपरेशन

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Published : Apr 26, 2023, 7:08 PM IST

फरीदाबाद ईएसआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने चिकित्सा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है. डॉक्टरों ने एक व्यक्ति के कटे हाथ को दोबारा जोड़ कर उसे फिर से काम करने योग्य बनाया है. कटे हाथ को जोड़ने का ऑपरेशन करीब दस घंटे तक चला.

doctors joined severed hand of patient
doctors joined severed hand of patient

फरीदाबाद ईएसआई के डॉक्टरों ने चिकित्सा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है. ईएसआईसी के डॉक्टर्स ने बेहद जटिल ऑपरेशन कर ना सिर्फ एक शख्स के कटे हाथ को जोड़ दिया बल्कि उसे काम करने योग्य बना दिया. फरीदाबाद ईएसआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों को शख्स का कटा हाथ जोड़ने में करीब 10 घंटे का वक्त लगा. 10 घंटे लंबे चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों ने मरीज का कटा हाथ जोड़ा दिया. इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को निगरानी में रखा और जाना कि उसका हाथ काम कर रहा है या नहीं.

जब ये कंफर्म हो गया कि मरीज का हाथ पहले की तरह हिल रहा है. तब डॉक्टरों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. डॉक्टर ने कहा कि अब मरीज उस हाथ से पहले की तरह सभी तरह के काम कर पाएगा. फरीदाबाद के किसी भी अस्पताल में ये अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनिल पांडे ने बताया कि अभय भूषण नाम का 41 वर्षीय शख्स संजय कॉलोनी में रहता है. वो पलवल की निजी कंपनी में काम करता है. पिछले सप्ताह काम के दौरान मशीन की चपेट में आने से संजय का सीधा हाथ आधा कट गया था.

आनन-फानन में कंपनी कर्मचारी उन्हें इलाज के लिए ईएसआई मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लेकर पहुंचे. एक कर्मचारी पॉलीथिन में संजय का कटा हाथ भी लेकर पहुंच गया. परिजनों की सहमति पर प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर भूपेंद्र सिंह, प्रोफेसर डॉक्टर आरपी नागर, सीसीयू के प्रमुख डॉक्टर वीके वर्मा, एनेस्थीसिया विभाग से प्रोफेसर अनूप गोगई और प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर आरके नारायण ने संजय के कटे हाथ को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की. 24 अप्रैल को मरीज का ऑपरेशन शुरू किया गया. ये ऑपरेशन करीब दस घंटे तक चला.

ये भी पढ़ें- Haryana Junior Coach Molestation Case: संदीप सिंह पर आरोप लगाने वाली जूनियर कोच की स्कूटी पर कार से हमले का आरोप

जिसमें डॉक्टर मरीज के हाथ को जोड़ने में सफल हुए. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि कटे हाथ को दोबारा जोड़ना और उससे पहले की तरह काम करना, ये उनके लिए बड़ा चैलेंज था. जिसे उन्होंने स्वीकार किया. इस न्यूरोलॉजी विभाग (तंत्रिका विज्ञान) के डॉक्टरों की भी मदद ली गई. ऑपरेशन के बाद मरीज का हाथ अब फिर से काम करने लगा है. मरीज की पत्नी सविता ने कहा कि वो तो उम्मीद ही छोड़ चुकी थी कि हाथ दोबारा जुड़ पाएगा, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास से ये संभव हुआ. उन्होंने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया.

फरीदाबाद ईएसआई के डॉक्टरों ने चिकित्सा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है. ईएसआईसी के डॉक्टर्स ने बेहद जटिल ऑपरेशन कर ना सिर्फ एक शख्स के कटे हाथ को जोड़ दिया बल्कि उसे काम करने योग्य बना दिया. फरीदाबाद ईएसआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों को शख्स का कटा हाथ जोड़ने में करीब 10 घंटे का वक्त लगा. 10 घंटे लंबे चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों ने मरीज का कटा हाथ जोड़ा दिया. इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को निगरानी में रखा और जाना कि उसका हाथ काम कर रहा है या नहीं.

जब ये कंफर्म हो गया कि मरीज का हाथ पहले की तरह हिल रहा है. तब डॉक्टरों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. डॉक्टर ने कहा कि अब मरीज उस हाथ से पहले की तरह सभी तरह के काम कर पाएगा. फरीदाबाद के किसी भी अस्पताल में ये अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनिल पांडे ने बताया कि अभय भूषण नाम का 41 वर्षीय शख्स संजय कॉलोनी में रहता है. वो पलवल की निजी कंपनी में काम करता है. पिछले सप्ताह काम के दौरान मशीन की चपेट में आने से संजय का सीधा हाथ आधा कट गया था.

आनन-फानन में कंपनी कर्मचारी उन्हें इलाज के लिए ईएसआई मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लेकर पहुंचे. एक कर्मचारी पॉलीथिन में संजय का कटा हाथ भी लेकर पहुंच गया. परिजनों की सहमति पर प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर भूपेंद्र सिंह, प्रोफेसर डॉक्टर आरपी नागर, सीसीयू के प्रमुख डॉक्टर वीके वर्मा, एनेस्थीसिया विभाग से प्रोफेसर अनूप गोगई और प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर आरके नारायण ने संजय के कटे हाथ को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की. 24 अप्रैल को मरीज का ऑपरेशन शुरू किया गया. ये ऑपरेशन करीब दस घंटे तक चला.

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जिसमें डॉक्टर मरीज के हाथ को जोड़ने में सफल हुए. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि कटे हाथ को दोबारा जोड़ना और उससे पहले की तरह काम करना, ये उनके लिए बड़ा चैलेंज था. जिसे उन्होंने स्वीकार किया. इस न्यूरोलॉजी विभाग (तंत्रिका विज्ञान) के डॉक्टरों की भी मदद ली गई. ऑपरेशन के बाद मरीज का हाथ अब फिर से काम करने लगा है. मरीज की पत्नी सविता ने कहा कि वो तो उम्मीद ही छोड़ चुकी थी कि हाथ दोबारा जुड़ पाएगा, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास से ये संभव हुआ. उन्होंने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया.

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