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Viveka Murder case : सांसद अविनाश रेड्डी को राहत, 31 मई तक सख्त कार्रवाई न करने के आदेश

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Published : May 27, 2023, 6:16 PM IST

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. दो दिन चली सुनवाई के दौरान कोर्ट में सांसद अविनाश रेड्डी और विवेका की बेटी सुनीता की ओर से वकीलों ने दलीलें पेश कीं. मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी.

Viveka Murder case
विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड

हैदराबाद: वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड (YS Vivekananda Reddy murder case) में वाईएसआरसीपी सांसद अविनाश रेड्डी ( YSRCP MP Avinash Reddy) की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस खत्म हो गई है. तेलंगाना अवकाश पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम. लक्ष्मण ने कल और आज दलीलें सुनीं. सांसद अविनाश रेड्डी और विवेका की बेटी सुनीता की ओर से वकीलों ने शुक्रवार को कोर्ट में दलीलें पेश कीं.

शनिवार को सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल ने दलीलें पेश कीं. पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अविनाश की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. तब तक सख्त कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है.

विशेष लोक अभियोजक अनिल ने न्यायाधीश के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा.. 'अविनाश रेड्डी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वह शुरू से ही हर कदम पर मामले की जांच में बाधा पैदा कर रहे हैं. लेकिन हम अपने तरीके से जांच करेंगे. जैसे अविनाश चाहते हैं वैसे नहीं. वे जांच में देरी कर लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. हर बार नोटिस दिया जाता है, वह किसी कारण से सुनवाई में शामिल नहीं होते हैं. अविनाश रेड्डी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.'

सीबीआई के वकील ने कहा कि ,'वे शुरू से ही हर कदम पर मामले की जांच में अड़ंगा लगा रहे हैं. हम अपने तरीके से जांच करेंगे लेकिन.. जैसा अविनाश चाहते हैं वैसा नहीं. वे जांच में देरी कर फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हर बार नोटिस दिए जाने पर वह किसी न किसी वजह से सुनवाई में शामिल नहीं हो रहे हैं. हमने इस मामले में अब तक कई लोगों से पूछताछ की है.. कुछ को गिरफ्तार किया गया है.'

सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा कि 'अविनाश के लिए ऐसी कौन सी विशेष स्थिति है जो दूसरों में नहीं है? अविनाश कोर्ट में तरह-तरह की याचिकाएं दाखिल कर देरी कर रहा है.'

हाईकोर्ट ने सीबीआई के वकील से पूछताछ की कि क्या आम केस में भी इतना समय लगता है? कोर्ट ने पूछा कि आप कह रहे थे कि विवेका की हत्या के कई मकसद थे.. मुख्य कारण क्या था?

सीबीआई ने इसका जवाब दिया 'साजिश हत्या से एक महीने पहले शुरू हुई थी. अविनाश के परिवार के विवेका के साथ राजनीतिक मतभेद हैं. विवेका कडप्पा सांसद को विजयम्मा या शर्मिला (एपी सीएम जगन की मां या जगन की बहन) को टिकट देने के लिए कहते हैं. अविनाश विवेका पर राजनीतिक बढ़त हासिल करना चाहता था. एमएलसी चुनाव में विवेका की हार के पीछे साजिश थी.'

हाईकोर्ट ने पूछा, क्या पता चला?: पीठ ने पूछा कि भास्कर रेड्डी और उदय कुमार रेड्डी की गिरफ्तारी के क्या कारण थे और उनसे क्या सीखा. सीबीआई की तरफ से वकील ने समझाते हुए कहा, 'हमने साजिश में शामिल होने के आरोप में भास्कर रेड्डी और उदयकुमार रेड्डी को गिरफ्तार किया है. दोनों में से कोई भी हिरासत में सुनवाई में सहयोग नहीं कर रहा है. अविनाश की साजिश को शिवशंकर रेड्डी और गांगीरेड्डी ने अंजाम दिया था. जो लोग विवेका से नाराज थे, उन्हें गंगारेड्डी की साजिश में घसीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई. दुश्मन-दुश्मन का दोस्त होता है की नीति पर चले. दस्तागिरी ने कहा कि पैसा अविनाश रेड्डी से आया था. अविनाश ने पैसे शिवशंकर रेड्डी को दिए, शिवशंकर ने गांगीरेड्डी को दिए. शिव शंकर रेड्डी को 4 करोड़ रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है.'

हाईकोर्ट ने कहा- चोटें देखकर कोई भी कह सकता है कि यह हत्या है: सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि कमरे में खून थी जिसे धोया गया था और सबूत नष्ट कर दिए गए थे. बेंच ने पूछा 'चोटें देखने पर कोई भी कहेगा कि यह हत्या है. कमरे में खून पोंछा जाए तो सबूत का क्या नुकसान.' सीबीआई ने जवाब दिया, 'एम.वी. कृष्णा रेड्डी ने शिकायत की जैसा कि शिवशंकर रेड्डी ने कहा. कृष्णा रेड्डी ने शिकायत में खून के धब्बों का जिक्र नहीं किया. सीआई शंकरैया ने शिवशंकर के डर से वास्तविक स्थिति दर्ज नहीं की.'

हाईकोर्ट ने पूछा, अविनाश रेड्डी का फोन जब्त किया?: हाईकोर्ट ने पूछा, 'हत्या की सुबह अविनाश रेड्डी ने किससे व्हाट्सएप पर बात की थी? क्या गंगारेड्डी का व्हाट्सएप व्यस्त था जब अविनाश व्हाट्सएप पर था? सीबीआई को हमेशा अविनाश के किसी बड़ी साजिश में शामिल होने का शक रहा है. क्या अविनाश रेड्डी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है? अहम मुद्दे पर इतनी धीमी गति से जांच क्यों हो रही है.'

सीबीआई ने जवाब दिया, 'हालांकि, यह पहचानना संभव नहीं है कि इंटरनेट के जरिए किसने किससे बात की है. हम अविनाश से पूछताछ करना चाहते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किससे बात की. इस महीने की 12 तारीख को, हमने अविनाश रेड्डी का IPDR (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) डेटा एकत्र किया है.'

सीबीआई ने कहा कि 'बताया जाता है कि हत्या वाले दिन अविनाश जम्मलामदुगु जा रहा था. अविनाश ने गलत जानकारी दी. जम्मलामडुगु में उस दिन अविनाश के चुनाव का कोई कार्यक्रम नहीं था. अविनाश अपने फॉलोअर्स के जरिए गवाहों को प्रभावित कर रहा है. अविनाश रेड्डी के कारण गवाह सामने नहीं आ रहे हैं. कुछ प्रमुख गवाहों के बयान हैं. गवाहों के बयान सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किए जाएंगे.'

कोर्ट ने पूछा कि क्या बयानों का विवरण याचिकाकर्ता को भी दिया जाएगा?. इस पर सीबीआई ने कहा कि इस स्तर पर गवाहों के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है. अगर इस चरण में गवाहों का विवरण सामने आता है, तो उनकी जान को खतरा होगा. सीबीआई ने बताया कि हम बुधवार को अविनाश को पूछताछ के लिए बुलाएंगे.

हाई कोर्ट ने पूछा कि ऐसे में बिना बयान सुने अविनाश की दलीलों पर कैसे गौर किया जा सकता है. क्या यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है कि दोनों पक्षों को सुना जाए.

फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित.... अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई की दलीलें दोपहर 2 बजे खत्म हुईं. उसके बाद अविनाश रेड्डी की ओर से वकील ने सीबीआई की दलीलों का जवाब दिया. एमएलसी चुनाव में वाईएस विवेका की हार से अविनाश का क्या लेना-देना? विवेका हार गए क्योंकि मतदाताओं ने वोट नहीं दिया. अविनाश की मां का हैदराबाद में इलाज चल रहा है.

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अविनाश की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. तब तक अविनाश के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है.

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हैदराबाद: वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड (YS Vivekananda Reddy murder case) में वाईएसआरसीपी सांसद अविनाश रेड्डी ( YSRCP MP Avinash Reddy) की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस खत्म हो गई है. तेलंगाना अवकाश पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम. लक्ष्मण ने कल और आज दलीलें सुनीं. सांसद अविनाश रेड्डी और विवेका की बेटी सुनीता की ओर से वकीलों ने शुक्रवार को कोर्ट में दलीलें पेश कीं.

शनिवार को सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल ने दलीलें पेश कीं. पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अविनाश की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. तब तक सख्त कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है.

विशेष लोक अभियोजक अनिल ने न्यायाधीश के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा.. 'अविनाश रेड्डी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वह शुरू से ही हर कदम पर मामले की जांच में बाधा पैदा कर रहे हैं. लेकिन हम अपने तरीके से जांच करेंगे. जैसे अविनाश चाहते हैं वैसे नहीं. वे जांच में देरी कर लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. हर बार नोटिस दिया जाता है, वह किसी कारण से सुनवाई में शामिल नहीं होते हैं. अविनाश रेड्डी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.'

सीबीआई के वकील ने कहा कि ,'वे शुरू से ही हर कदम पर मामले की जांच में अड़ंगा लगा रहे हैं. हम अपने तरीके से जांच करेंगे लेकिन.. जैसा अविनाश चाहते हैं वैसा नहीं. वे जांच में देरी कर फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हर बार नोटिस दिए जाने पर वह किसी न किसी वजह से सुनवाई में शामिल नहीं हो रहे हैं. हमने इस मामले में अब तक कई लोगों से पूछताछ की है.. कुछ को गिरफ्तार किया गया है.'

सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा कि 'अविनाश के लिए ऐसी कौन सी विशेष स्थिति है जो दूसरों में नहीं है? अविनाश कोर्ट में तरह-तरह की याचिकाएं दाखिल कर देरी कर रहा है.'

हाईकोर्ट ने सीबीआई के वकील से पूछताछ की कि क्या आम केस में भी इतना समय लगता है? कोर्ट ने पूछा कि आप कह रहे थे कि विवेका की हत्या के कई मकसद थे.. मुख्य कारण क्या था?

सीबीआई ने इसका जवाब दिया 'साजिश हत्या से एक महीने पहले शुरू हुई थी. अविनाश के परिवार के विवेका के साथ राजनीतिक मतभेद हैं. विवेका कडप्पा सांसद को विजयम्मा या शर्मिला (एपी सीएम जगन की मां या जगन की बहन) को टिकट देने के लिए कहते हैं. अविनाश विवेका पर राजनीतिक बढ़त हासिल करना चाहता था. एमएलसी चुनाव में विवेका की हार के पीछे साजिश थी.'

हाईकोर्ट ने पूछा, क्या पता चला?: पीठ ने पूछा कि भास्कर रेड्डी और उदय कुमार रेड्डी की गिरफ्तारी के क्या कारण थे और उनसे क्या सीखा. सीबीआई की तरफ से वकील ने समझाते हुए कहा, 'हमने साजिश में शामिल होने के आरोप में भास्कर रेड्डी और उदयकुमार रेड्डी को गिरफ्तार किया है. दोनों में से कोई भी हिरासत में सुनवाई में सहयोग नहीं कर रहा है. अविनाश की साजिश को शिवशंकर रेड्डी और गांगीरेड्डी ने अंजाम दिया था. जो लोग विवेका से नाराज थे, उन्हें गंगारेड्डी की साजिश में घसीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई. दुश्मन-दुश्मन का दोस्त होता है की नीति पर चले. दस्तागिरी ने कहा कि पैसा अविनाश रेड्डी से आया था. अविनाश ने पैसे शिवशंकर रेड्डी को दिए, शिवशंकर ने गांगीरेड्डी को दिए. शिव शंकर रेड्डी को 4 करोड़ रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है.'

हाईकोर्ट ने कहा- चोटें देखकर कोई भी कह सकता है कि यह हत्या है: सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि कमरे में खून थी जिसे धोया गया था और सबूत नष्ट कर दिए गए थे. बेंच ने पूछा 'चोटें देखने पर कोई भी कहेगा कि यह हत्या है. कमरे में खून पोंछा जाए तो सबूत का क्या नुकसान.' सीबीआई ने जवाब दिया, 'एम.वी. कृष्णा रेड्डी ने शिकायत की जैसा कि शिवशंकर रेड्डी ने कहा. कृष्णा रेड्डी ने शिकायत में खून के धब्बों का जिक्र नहीं किया. सीआई शंकरैया ने शिवशंकर के डर से वास्तविक स्थिति दर्ज नहीं की.'

हाईकोर्ट ने पूछा, अविनाश रेड्डी का फोन जब्त किया?: हाईकोर्ट ने पूछा, 'हत्या की सुबह अविनाश रेड्डी ने किससे व्हाट्सएप पर बात की थी? क्या गंगारेड्डी का व्हाट्सएप व्यस्त था जब अविनाश व्हाट्सएप पर था? सीबीआई को हमेशा अविनाश के किसी बड़ी साजिश में शामिल होने का शक रहा है. क्या अविनाश रेड्डी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है? अहम मुद्दे पर इतनी धीमी गति से जांच क्यों हो रही है.'

सीबीआई ने जवाब दिया, 'हालांकि, यह पहचानना संभव नहीं है कि इंटरनेट के जरिए किसने किससे बात की है. हम अविनाश से पूछताछ करना चाहते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किससे बात की. इस महीने की 12 तारीख को, हमने अविनाश रेड्डी का IPDR (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) डेटा एकत्र किया है.'

सीबीआई ने कहा कि 'बताया जाता है कि हत्या वाले दिन अविनाश जम्मलामदुगु जा रहा था. अविनाश ने गलत जानकारी दी. जम्मलामडुगु में उस दिन अविनाश के चुनाव का कोई कार्यक्रम नहीं था. अविनाश अपने फॉलोअर्स के जरिए गवाहों को प्रभावित कर रहा है. अविनाश रेड्डी के कारण गवाह सामने नहीं आ रहे हैं. कुछ प्रमुख गवाहों के बयान हैं. गवाहों के बयान सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किए जाएंगे.'

कोर्ट ने पूछा कि क्या बयानों का विवरण याचिकाकर्ता को भी दिया जाएगा?. इस पर सीबीआई ने कहा कि इस स्तर पर गवाहों के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है. अगर इस चरण में गवाहों का विवरण सामने आता है, तो उनकी जान को खतरा होगा. सीबीआई ने बताया कि हम बुधवार को अविनाश को पूछताछ के लिए बुलाएंगे.

हाई कोर्ट ने पूछा कि ऐसे में बिना बयान सुने अविनाश की दलीलों पर कैसे गौर किया जा सकता है. क्या यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है कि दोनों पक्षों को सुना जाए.

फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित.... अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई की दलीलें दोपहर 2 बजे खत्म हुईं. उसके बाद अविनाश रेड्डी की ओर से वकील ने सीबीआई की दलीलों का जवाब दिया. एमएलसी चुनाव में वाईएस विवेका की हार से अविनाश का क्या लेना-देना? विवेका हार गए क्योंकि मतदाताओं ने वोट नहीं दिया. अविनाश की मां का हैदराबाद में इलाज चल रहा है.

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अविनाश की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला इस महीने की 31 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. तब तक अविनाश के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है.

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