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कोरोना की संभावित तीसरी लहर में दिव्यांग हो सकते हैं प्रभावित : प्रोफेसर परिमल

कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से दिव्यांग जन अधिक प्रभावित हो सकते हैं. ये कहना है काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. परिमल दास का. जानिए क्या बताई वजह.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर
कोरोना की संभावित तीसरी लहर
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Published : Jun 3, 2021, 4:04 AM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. परिमल दास ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से दिव्यांग जन अधिक प्रभावित हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसका कारण दिव्यांग जनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है और सामान्य बच्चों की अपेक्षा उनकी क्षमता कम होने से उन पर अधिक खतरा है.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर और दिव्यांगजन विषय पर विचार के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डरस विभाग के प्रोफेसर एवं समन्वयक डॉक्टर परिमल दास की अध्यक्षता में मंथन कार्यक्रम संपन्न हुआ.

कार्यक्रम में प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉक्टर तुलसीदास एवं केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉक्टर उत्तम ओझा भी शामिल हुए.

'राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता'

दास ने कहा कि सरकार को मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को कोरोना वायरस की लहर से बचाने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए.

पढ़ें- कोविन एप डिजिटल रूप से अशिक्षित और दिव्यांगों के लिए आसान नहीं : सुप्रीम कोर्ट

तुलसीदास ने कहा कि मानसिक बीमारियां से ग्रसित बच्चे कोरोना से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है.

(पीटीआई-भाषा)

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. परिमल दास ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से दिव्यांग जन अधिक प्रभावित हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसका कारण दिव्यांग जनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है और सामान्य बच्चों की अपेक्षा उनकी क्षमता कम होने से उन पर अधिक खतरा है.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर और दिव्यांगजन विषय पर विचार के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डरस विभाग के प्रोफेसर एवं समन्वयक डॉक्टर परिमल दास की अध्यक्षता में मंथन कार्यक्रम संपन्न हुआ.

कार्यक्रम में प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉक्टर तुलसीदास एवं केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉक्टर उत्तम ओझा भी शामिल हुए.

'राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता'

दास ने कहा कि सरकार को मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को कोरोना वायरस की लहर से बचाने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए.

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तुलसीदास ने कहा कि मानसिक बीमारियां से ग्रसित बच्चे कोरोना से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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