कृष्णागिरी : कृष्णागिरी जिले के पावक्कल पंचायत के एक गांव में रहने वाला एक बुजुर्ग व्यक्ति 500 और 1000 के नोट बदलवाना चाहता है, जिससे वह अपनी जीवनपुंजी का उपयोग कर सके. इसके लिए वह कलेक्टर के पास पहुंचा.
दरअसल, चिन्नाकन्नू दृष्टिहीन हैं. वे भीख मांगकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसी विकट परिस्थितियों में उन्होंने जो भी पैसा जमा किया था, डीमोनिटाजेशन के चलते किसी काम का नहीं रहा. डीमोनिटाजेशन के तहत 500 और हजार रुपये के पुराने नोट को बैन कर दिया गया था और नए नोट जारी जारी किए गए थे.
पढ़ें :- नोटबंदी के बाद 2.5 लाख रुपये तक नगद जमा करने वाली गृहिणियों की जांच नहीं : आईटीएटी
चिन्नाकन्नू ने लगभग 65 हजार रुपये जमा किए थे. उन्होंने अपनी इस जमापुंजी को बचाने के लिए कलेक्टर से मदद मांगी है. उन्होंने कहा, मैं कई सालों से भीख मांग रहा हूं और इस राशि को जमा किया है. मैं खराब स्वास्थ्य के कारण उस जगह को भूल गया था जहां मैंने पिछले कुछ सालों से बचत रखी थी. डीमोनिटाजेशन के बारे में जानकारी नहीं थी जिसके चलते नोट नहीं बदलवा पाया हूं.