नई दिल्ली असम के दीमा हसाओ जिले में सक्रिय एक जनजातीय उग्रवादी समूह ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया. उग्रवादी समूह दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसी के साथ सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज की घोषणा की.
-
Delhi | Signing of the agreement took place between Dimasa National Liberation Army (DNLA) and the Government of Assam. pic.twitter.com/4qzblY0ED5
— ANI (@ANI) April 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Delhi | Signing of the agreement took place between Dimasa National Liberation Army (DNLA) and the Government of Assam. pic.twitter.com/4qzblY0ED5
— ANI (@ANI) April 27, 2023Delhi | Signing of the agreement took place between Dimasa National Liberation Army (DNLA) and the Government of Assam. pic.twitter.com/4qzblY0ED5
— ANI (@ANI) April 27, 2023
डीएनएलए असम के दीमा हसाओ जिले में अधिक सक्रिय है. समूह द्वारा समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद, गृह मंत्री ने कहा कि असम में अब कोई जनजातीय उग्रवादी समूह नहीं है. शाह ने कहा, 'इसके साथ, असम में सभी जनजातीय उग्रवादी समूह मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.' गृह मंत्री ने समझौते को वर्ष 2024 तक पूर्वोत्तर को उग्रवाद मुक्त बनाने और इसे एक शांतिपूर्ण और समृद्ध क्षेत्र में बदलने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंक मुक्त, हिंसा मुक्त और विकसित पूर्वोत्तर का लक्ष्य सामने रखा है और गृह मंत्रालय मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है. गृह मंत्री ने कहा कि डीएनएलए के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, सभी हथियारों और गोला-बारूद को सौंपने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, सभी शिविरों को खाली करने और कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की है.
एमओयू के अनुसार, डीएनएलए के 168 से अधिक सदस्य हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा कि समझौता दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त कर देगा. दिमासा जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार 500-500 करोड़ रुपये प्रदान करेगी. डीएनएलए ने सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री की अपील के बाद छह महीने की अवधि के लिए एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी, तब से संघर्ष विराम को बढ़ाया जाता रहा.
पढ़ें : असम के सीएम सरमा ने दिल्ली में नए 'असम हाउस' की आधारशिला रखी
(इनपुट-एजेंसी)