मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह विकास विरोधी नहीं हैं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के दौरान बिल्डरों के समर्थन में लिया गया एक भी फैसला दिखाए. अडाणी समूह की धारावी पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भाजपा के आरोपों का भी खंडन किया कि इसके लिए निविदा उनके मुख्यमंत्री रहते हुए जारी की गई थी.
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#WATCH | Mumbai, Maharashtra | Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray led a protest march of the party, alleging favour to Adani Group in connection with the Dharavi redevelopment project.
— ANI (@ANI) December 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Visuals of the protest from earlier today, at T Junction of Dharavi area. pic.twitter.com/zFlevoCjX7
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— ANI (@ANI) December 16, 2023
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— ANI (@ANI) December 16, 2023
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ठाकरे ने कहा, 'यह आरोप गलत है. मुझे ऐसा कोई एक सरकारी आदेश दिखाएं.' ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार विश्वासघात के कारण गिरी क्योंकि वह बिल्डर समर्थक नहीं थे. ठाकरे ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया, 'अब आप समझ सकते हैं कि मेरी सरकार को गिराने के लिए किसने पैसा दिया था. शिवसेना के रहते हुए, भाजपा अपने दोस्तों की मदद नहीं कर सकती थी, इसलिए मेरी पार्टी तोड़ी गई और उसका चुनाव चिन्ह चोरी कर लिया गया.'
ठाकरे ने कहा, धारावी ने कोविड महामारी से लड़ाई लड़ी और यह किसी भी बिल्डर के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि पुनर्विकास परियोजना में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं शामिल हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है.
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Adani Group says, "The Dharavi project was awarded to the Adani Group through a fair, open, internationally competitive bidding process. It is important to note that the tender conditions were finalised during the tenure of the Maha Vikas Aghadi (MVA) government, which demitted… pic.twitter.com/ECF4KyzcTJ
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— ANI (@ANI) December 16, 2023Adani Group says, "The Dharavi project was awarded to the Adani Group through a fair, open, internationally competitive bidding process. It is important to note that the tender conditions were finalised during the tenure of the Maha Vikas Aghadi (MVA) government, which demitted… pic.twitter.com/ECF4KyzcTJ
— ANI (@ANI) December 16, 2023
वहीं अडाणी समूह का कहना है कि 'धारावी परियोजना एक निष्पक्ष, खुली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से अडाणी समूह को प्रदान की गई थी. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निविदा शर्तों को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान अंतिम रूप दिया गया था, जिन्होंने जून 2022 के अंत में पद छोड़ दिया गया. दायित्वों और प्रोत्साहनों सहित अंतिम शर्तों, जो सभी बोलीदाताओं को ज्ञात थीं, को निविदा प्रक्रिया के बाद पुरस्कार प्राप्तकर्ता के लिए नहीं बदला गया है. इसलिए, यह दावा करना गलत है कि कोई विशेष लाभ होगा पुरस्कार विजेता को दिया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि परियोजना के कुछ पहलुओं के बारे में गलत सूचना प्रसारित करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है...'
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