रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से बाद अब भक्तों को भगवान केदारनाथ के लिंग दर्शन कराया जा रहा हैं. हालांकि, अभी भक्त केदारनाथ के लिंग को छू नहीं पाएंगे. इसके अलावा लिंग का घी और पूजन समाग्री से लेपन नहीं कर पाएंगे.
पिछले दो साल से केदारनाथ के गृहगर्भ में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगी थी. अब लिंग दर्शन और लिंग की परिक्रमा करने की अनुमति भक्तों को दी गई है. वहीं केदारनाथ में बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं बढ़ाई गई है. लिनचैली से केदारनाथ के बीच सौ के करीब टेंट लगाये गए हैं. जबकि धाम में भी रहने के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. प्रशासन की माने तो आठ से दस हजार के करीब तीर्थयात्री धाम में रह सकते हैं.
कोरोना महामारी के कारण दो साल से भगवान केदारनाथ के लिंग दर्शन बंद कर दिए गये थे. भगवान केदारनाथ के दर्शन भक्तों को सभा मंडप से ही कराये जा रहे थे. पिछले दो सालों से मंदिर के गर्भ गृह में जाने की अनुमति भक्तों को नहीं दी जा रही थी. मंदिर के गर्भगृह में मंदिर के पुजारी, वेदपाठी और तीर्थ पुरोहित ही जा सकते थे. भक्त नजदीक से बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पा रहे थे, जिससे भक्त मायूस थे.
केदारनाथ धाम के लिए ई-पास की बाध्यता भी समाप्त हो गई है. अब भक्त नजदीक से बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के दर्शन कर पाएंगे. तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बताया कि भक्तों के लिये अब बाबा केदार के दर्शन भी पूर्ण रूप से खोल दिये गये हैं. अब भक्त मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं. मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.
डीएम मनुज गोयल ने कहा केदारनाथ में गर्भगृह दर्शन को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने एसओपी जारी की कर दिया है. यह देवस्थानम बोर्ड का फैसला है, जिससे तीर्थ यात्रियों में भी काफी खुशी है. केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होने लगी है. ई-पास की अनिवार्यता समाप्त होने के बाद भारी तादात में तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं. हेलीकाॅप्टर सेवाओं से भी हर दिन 500 से 600 के करीब तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. जबकि पैदल पड़ाव से डेढ़ से दो हजार के बीच यात्री धाम पहुंच रहे हैं.
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कोविड नियमों का पालन करते हुए तीर्थयात्री धाम पहुंच सकते हैं. जिले में अनेकों सेंटर कोविड टेस्ट के बनाए गए हैं. यात्री आसानी से टेस्ट करवाकर धाम को निकल सकते हैं. कोविड जांच के लिए अंतिम सेंटर सोनप्रयाग है, जहां पर यात्री अपनी जांच करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम से लेकर यात्रा पड़ावों में रहने और खाने की उचित व्यवस्था की गई है. धाम सहित यात्रा पड़ावों में आठ से दस हजार तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था है.