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दिल्ली हाईकोर्ट से निजी डिटेक्टिव्स को रेगुलेट करने की मांग, 21 फरवरी को सुनवाई - Bench of Chief Justice DN Patel

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके प्राइवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी. 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया, लेकिन वो 13 साल बाद भी कानून नहीं बन पाया है.

दिल्ली हाईकोर्ट से निजी डिटेक्टिव्स को रेगुलेट करने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट से निजी डिटेक्टिव्स को रेगुलेट करने की मांग
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Published : Jan 11, 2022, 12:15 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके प्राइवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी.

सोमवार को ये याचिका हाईकोर्ट में लिस्टेड थी, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी. क्योंकि याचिकाकर्ता की वकील बीमार थीं. यह याचिका राधा बिष्ट ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने वकील प्रीति सिंह के जरिए कहा कि 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया. लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया है.

इसे भी पढ़ें : दिल्ली में एक दिन में 19 हजार से ज्यादा संक्रमित, 17 की मौत

निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं. चोरी छुपे उनकी तस्वीरें लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं. कानून न होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में महिला ने कहा है कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया. उनके पति निजी डिटेक्टिव की मदद से उनका पीछा करते हैं. निजी डिटेक्टिव उनकी निजता का उल्लंघन करते हैं. और सार्वजनिक रूप से बदनाम करते हैं. ऐसा करना संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके प्राइवेट डिटेक्टिव्स की गतिविधियों को रेगुलेट करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी.

सोमवार को ये याचिका हाईकोर्ट में लिस्टेड थी, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी. क्योंकि याचिकाकर्ता की वकील बीमार थीं. यह याचिका राधा बिष्ट ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने वकील प्रीति सिंह के जरिए कहा कि 2007 में निजी डिटेक्टिव एजेंसीज रेगुलेशन बिल लाया गया. लेकिन वो 13 साल के बाद भी कानून नहीं बन पाया है.

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निजी डिटेक्टिव कानून के अभाव में लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करते हैं. चोरी छुपे उनकी तस्वीरें लेकर उन्हें सार्वजनिक करते हैं. कानून न होने की वजह से इस मामले में पीड़ित अपनी शिकायत कहीं नहीं रख पाते हैं. याचिका में महिला ने कहा है कि कुछ निजी डिटेक्टिव्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया. उनके पति निजी डिटेक्टिव की मदद से उनका पीछा करते हैं. निजी डिटेक्टिव उनकी निजता का उल्लंघन करते हैं. और सार्वजनिक रूप से बदनाम करते हैं. ऐसा करना संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.

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