इंदौर : दुनिया भर में संक्रमण के साथ ही अपना स्वरूप बदल रहा कोरोना का वायरस अब भारत में ही 4 गुना तक घातक हो चुका है. यही वजह रही कि संक्रमण की दूसरी लहर में इस वायरस के कारण ही सर्वाधिक मौतें हुई हैं. दिल्ली स्थित लैब में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंदौर से भेजे गए वायरस के सैंपल में से अधिकांश सैंपल में यही घातक वेरिएंट पाया गया है, जिसकी संक्रामकता सामान्य वायरस से चार गुना ज्यादा है.
1214 सैंपलों में मिला कोरोना का घातक वेरिएंट
चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना का वायरस अब म्यूटेशन के साथ लगातार अपना घातक असर दिखा रहा है. भारत में फिलहाल कोरोना के अब तक जितने भी म्युटेंट वायरस के स्ट्रैन जिनोम सीक्वेंसिंग जांच में पाए गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा घातक कोरोना का डेल्टा स्ट्रैन भारत में पाया गया है.
हाल ही में इंदौर से दिल्ली भेजे गए कुल 10268 सैंपल की रिपोर्ट में पता चला है कि कुल सैंपल में से 1214 सैंपल में कोरोना का घातक डेल्टा वेरिएंट B1617.2 पाया गया है. यह बीते साल पाए गए वायरस की तुलना में 4 गुना ज्यादा घातक है. इसके अलावा इसका संक्रमण भी 4 गुना तेजी से फैलता है.
इंदौर में सबसे पहले मिला था यूके स्ट्रेन
इधर, डॉक्टरों ने जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि अप्रैल माह में जिस तेजी से संक्रमण फैला वह इसी वायरस की देन है. इसके अलावा यह पूर्व की तुलना में पाए गए वायरस से दुगने से भी ज्यादा तेजी से मानव शरीर को नुकसान पहुंचाता है. गौरतलब है यह वायरस सितंबर माह में ब्रिटेन में पाया गया था.
ब्रिटेन के रास्ते ही यह वायरस मध्यप्रदेश आया था, जिसमें इंदौर में सबसे पहले एक व्यक्ति को कोरोना का यूके स्ट्रैन होने की पुष्टि हुई थी. हालांकि बाद में इस स्ट्रैन के कई मरीजों का पता चला था. हालांकि अब इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों से अन्य लोगों को हुआ. यह संक्रमण अब 4 गुना ज्यादा घातक बताया जा रहा है.
चार गुना तेजी से फैलता है यह वायरस
इस वायरस का म्यूटेशन होने से यह पूर्व की तुलना में चार गुना गति से फैलता भी है. इंदौर में भी इस वायरस के मरीजों की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अब दूसरी लहर में इस वायरस से बचने के लिए कंटेनमेंट जोन स्तर पर प्लानिंग की है. जिससे कि तीसरी लहर में यह वायरस आमजन को ज्यादा नुकसान न पहुंचा पाए.
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भारत में कोरोना के छह वेरिएंट सक्रिय
कोरोना के लगभग दूसरे साल तक भारत में 28 तरह के स्ट्रेन का पता चला है, जिनमें से छह स्ट्रैन भारत में सैकड़ों लोगों की जान ले चुके हैं. दरअसल, यह स्ट्रेन यूके वायरस का ही स्ट्रेन है, जिसे B1617.2 डेल्टा स्ट्रेन दर्शाया गया है.
इंदौर जिला प्रशासन के मुताबिक, अप्रैल में जिस वायरस ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया, उसमें यही वायरस सबसे ज्यादा सक्रिय पाया गया. इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों को निमोनिया हुआ, जो बाद में घातक स्वरूप लेकर हजारों लोगों की मौत का वजह बना.