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Wrestler Sexual Harassment Case: दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा- बृजभूषण सिंह पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत

यौन उत्पीड़न मामले में शुक्रवार को बृजभूषण सिंह और सह आरोपी विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर बहस हुई. इस दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.

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बृजभूषण सिंह पर केस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2023, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी बृजभूषण सिंह को जब भी मौका मिलता था, वह हरकत करता था. ऐसे में उनपर केश चलना चाहिए, उनपर केश चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.

दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवान उत्पीड़न मामले की जांच में पाया है कि आरोपी बृजभूषण को जब भी मौका मिलता था वह उत्पीड़न करता था. जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में आरोपी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इससे पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की तरफ से उनकी वकील रेबिका जॉन ने दलीलें पेश की थीं.

वकील ने कहा था कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की ओर से चुनौती दी गई थी. मामले में एक ही एफआईआर दर्ज है, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों दर्ज किए गए हैं. सभी शिकायतकर्ताओ ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया है. एक से ज्यादा अपराध अगर एक ही आरोपी करता है तो उसे सभी आरोपों का सामना करना पड़ता है. अपराध देश के बाहर हुआ है तो केश के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है. अगर अपराध देश के अंदर हुआ है हो तो उसके लिए अनुमति नहीं लेनी पड़ती.

वकील ने कहा था कि मामले में कोई ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनी. जो रिपोर्ट बनाई गई वह बेनतीजा है. बार-बार वीडियो रिकॉर्डिंग को बंद किया गया था. कमेटी ने रिपोर्ट में बस यही बताया कि किसने क्या कहा था. कमेटी ने अपना कोई निष्कर्ष नहीं निकाला था. शिकायतकर्ताओं का बयान सही से नहीं दर्ज किया गया था. एफआईआर में शिकायतकर्ताओं ने जो आरोप लगाए थे यह आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रयाप्त है. रेबिका जॉन ने इस आधार पर कहा कि बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें:

  1. Sexual Harassment Case: एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने को बृजभूषण सिंह की ओर से कोर्ट में नहीं दी गई चुनौती
  2. Wrestler Sexual Harrasement Case: बृजभूषण सिंह पर पॉक्सो एक्ट हटेगा या नहीं, पटियाला हाउस कोर्ट में फैसला 6 अक्टूबर को

नई दिल्ली: महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी बृजभूषण सिंह को जब भी मौका मिलता था, वह हरकत करता था. ऐसे में उनपर केश चलना चाहिए, उनपर केश चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.

दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवान उत्पीड़न मामले की जांच में पाया है कि आरोपी बृजभूषण को जब भी मौका मिलता था वह उत्पीड़न करता था. जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में आरोपी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इससे पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की तरफ से उनकी वकील रेबिका जॉन ने दलीलें पेश की थीं.

वकील ने कहा था कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की ओर से चुनौती दी गई थी. मामले में एक ही एफआईआर दर्ज है, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों दर्ज किए गए हैं. सभी शिकायतकर्ताओ ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया है. एक से ज्यादा अपराध अगर एक ही आरोपी करता है तो उसे सभी आरोपों का सामना करना पड़ता है. अपराध देश के बाहर हुआ है तो केश के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है. अगर अपराध देश के अंदर हुआ है हो तो उसके लिए अनुमति नहीं लेनी पड़ती.

वकील ने कहा था कि मामले में कोई ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनी. जो रिपोर्ट बनाई गई वह बेनतीजा है. बार-बार वीडियो रिकॉर्डिंग को बंद किया गया था. कमेटी ने रिपोर्ट में बस यही बताया कि किसने क्या कहा था. कमेटी ने अपना कोई निष्कर्ष नहीं निकाला था. शिकायतकर्ताओं का बयान सही से नहीं दर्ज किया गया था. एफआईआर में शिकायतकर्ताओं ने जो आरोप लगाए थे यह आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रयाप्त है. रेबिका जॉन ने इस आधार पर कहा कि बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए.

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