नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले की ओर से दायर मानहानि के मामले में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और सजय राउत को समन भेजा है. शेवाले ने याचिका में कहा है कि ठाकरे और राउत ने दो हजार करोड़ रुपए में शिंदे गुट द्वारा पार्टी चुनाव चिह्न खरीदने का आरोप लगाया है. इससे मानहानि हुई है.
हालांकि, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने ठाकरे और राउत को कोई भी बयान देने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों को सुने बिना कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.
शेवाले की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर हाईकोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अदालत से ठाकरे और राउत को पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर उनकी पार्टी (शिंदे गुट) के खिलाफ अन्य कोई आरोप लगाने से रोकने के लिए भी आदेश जारी करने की मांग की थी. नायर ने अपनी दलील में कहा कि प्रतिवादियों ने चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने यह कहते उनकी दलील को खारिज कर दिया कि संस्थानों को अपने लिए खड़ा होना होगा.
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न्यायाधीश ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि वह इस्तेमाल की गई भाषा या लगाए गए आरोपों को माफ नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बिना किसी राजनीतिक लड़ाई में चुप रहने का आदेश पारित नहीं करना चाहते हैं. कोर्ट ने इसके बाद मामले को 17 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. बता दें, उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और संजय राउत उद्धव गुट वाली शिव सेना के प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद हैं.