ETV Bharat / bharat

Delhi Riots Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को पांच मामलों में जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित पांच मामलों में पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी है. हुसैन ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 12, 2023, 2:04 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति अनीश दयाल की एकल न्यायाधीश पीठ ने 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित पांच मामलों में पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी है. हुसैन पर दंगा, उत्पात मचाने और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा कि जमानत कुछ शर्तों के अधीन दी गई है.

हुसैन ने फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दंगे के अपराध के लिए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हुसैन के वकील ने तर्क दिया कि वर्तमान मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है जबकि अन्य मामले पहले से ही चल रहे हैं. उन्हीं कथित घटनाओं के संबंध में एक और एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे रद्द किया जाए. न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि 2020 में दर्ज किए गए दोनों मामलों में अंतर है. जबकि वर्तमान एफआईआर दंगे के आरोपों से संबंधित है. उन्होंने कहा कि दूसरी एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) शामिल है.

हुसैन की ओर से पेश वकील तारा नरूला ने कहा कि दूसरी एफआईआर व्यापक है और इसमें वर्तमान एफआईआर भी शामिल होगी और इसमें कोई सीमा अवधि नहीं है जिसके भीतर किसी को एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर करनी होगी. दोनों एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 25 फरवरी, 2020 को शाम 4 से 5 बजे के बीच दंगा हुआ था और मैं (ताहिर) दंगा उकसा रहा था और मेरी छत का इस्तेमाल पेट्रोल बम के लिए किया गया था. उन्होंने प्रस्तुत याचिका में कहा कि दोनों प्राथमिकियों में (घटना की) जगह भी एक ही है.

ये भी पढे़ंः Delhi Riots Case: कोर्ट ने कहा- दंगा के लिए पूर्व पार्षद ताहिर हुैसन ने पैसा जुटाया, चलेगा केस

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान प्राथमिकी 28 फरवरी, 2020 को दर्ज की गई थी और दुकानों को जलाने का आरोप लगाया गया था, जबकि दूसरी प्राथमिकी हत्या के आरोप में दर्ज की गई थी. चांद बाग पुलिया क्षेत्र के करीब हुई घटनाओं के संबंध में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा पर 26 फरवरी, 2020 को पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका था.

ये भी पढ़ेंः Delhi riots: ताहिर हुसैन पर आरोप तय, कोर्ट ने कहा- हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना था इसका मकसद

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति अनीश दयाल की एकल न्यायाधीश पीठ ने 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित पांच मामलों में पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी है. हुसैन पर दंगा, उत्पात मचाने और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा कि जमानत कुछ शर्तों के अधीन दी गई है.

हुसैन ने फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दंगे के अपराध के लिए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हुसैन के वकील ने तर्क दिया कि वर्तमान मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है जबकि अन्य मामले पहले से ही चल रहे हैं. उन्हीं कथित घटनाओं के संबंध में एक और एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे रद्द किया जाए. न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि 2020 में दर्ज किए गए दोनों मामलों में अंतर है. जबकि वर्तमान एफआईआर दंगे के आरोपों से संबंधित है. उन्होंने कहा कि दूसरी एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) शामिल है.

हुसैन की ओर से पेश वकील तारा नरूला ने कहा कि दूसरी एफआईआर व्यापक है और इसमें वर्तमान एफआईआर भी शामिल होगी और इसमें कोई सीमा अवधि नहीं है जिसके भीतर किसी को एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर करनी होगी. दोनों एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 25 फरवरी, 2020 को शाम 4 से 5 बजे के बीच दंगा हुआ था और मैं (ताहिर) दंगा उकसा रहा था और मेरी छत का इस्तेमाल पेट्रोल बम के लिए किया गया था. उन्होंने प्रस्तुत याचिका में कहा कि दोनों प्राथमिकियों में (घटना की) जगह भी एक ही है.

ये भी पढे़ंः Delhi Riots Case: कोर्ट ने कहा- दंगा के लिए पूर्व पार्षद ताहिर हुैसन ने पैसा जुटाया, चलेगा केस

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान प्राथमिकी 28 फरवरी, 2020 को दर्ज की गई थी और दुकानों को जलाने का आरोप लगाया गया था, जबकि दूसरी प्राथमिकी हत्या के आरोप में दर्ज की गई थी. चांद बाग पुलिया क्षेत्र के करीब हुई घटनाओं के संबंध में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा पर 26 फरवरी, 2020 को पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका था.

ये भी पढ़ेंः Delhi riots: ताहिर हुसैन पर आरोप तय, कोर्ट ने कहा- हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना था इसका मकसद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.