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दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता वटाली की याचिका मंजूर की, ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता वटाली की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. इसमें वटाली ने ट्रायल कोर्ट के टेरर फंडिंग मामले में आरोप तय करने के फैसले को चुनौती दी है. अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.

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Published : May 16, 2023, 9:31 PM IST

Updated : May 16, 2023, 10:00 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कश्मीरी व्यवसायी और अलगाववादी नेता जहूर अहमद शाह वटाली की याचिका मंजूर करते हुए तीन अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. याचिका में वटाली ने ट्रायल कोर्ट के एक टेरर फंडिंग मामले में आरोप तय करने के फैसले को चुनौती दी है. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है.

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि मामले में एनआईए को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. जम्मू और कश्मीर को परेशान करने वाले आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़े मामले में एनआईए की टीम ने वटाली को 2017 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए गिरफ्तार किया था. मई 2022 में एनआईए कोर्ट ने वटाली और अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं जैसे फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे और शब्बीर शाह के खिलाफ आरोप तय किए थे.

यह लगा है आरोपः आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मसरत आलम, मो. यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मो. अकबर खांडे, राजा महराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, नवल किशोर कपूर और वटाली पर हुर्रियत नेताओं को धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया है. यह धन इन्हें लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सहित व्यक्तियों से प्राप्त हुआ था.

यह भी पढ़ेंः C 17 Globemaster stuck : वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर लेह हवाईअड्डे पर अटका, कई उड़ानें रद्द

विशेष रूप से मार्च में खंडपीठ ने एनआईए को नोटिस जारी किया था और याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी. इसके अलावा यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हाई कोर्ट ने अगस्त 2022 में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली वटाली की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उसे आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

वटाली ने कोविड-19 के प्रकोप और अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर जमानत मांगी थी. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने यह देखते हुए कि वटाली की स्थिति स्थिर थी और दवाओं के साथ उसका नियमित इलाज किया जा रहा था, उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था.

यह भी पढ़ेंः New Parliament Building : मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर हो सकता है नए संसद भवन का उद्घाटन

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कश्मीरी व्यवसायी और अलगाववादी नेता जहूर अहमद शाह वटाली की याचिका मंजूर करते हुए तीन अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. याचिका में वटाली ने ट्रायल कोर्ट के एक टेरर फंडिंग मामले में आरोप तय करने के फैसले को चुनौती दी है. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है.

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि मामले में एनआईए को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. जम्मू और कश्मीर को परेशान करने वाले आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़े मामले में एनआईए की टीम ने वटाली को 2017 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए गिरफ्तार किया था. मई 2022 में एनआईए कोर्ट ने वटाली और अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं जैसे फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे और शब्बीर शाह के खिलाफ आरोप तय किए थे.

यह लगा है आरोपः आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मसरत आलम, मो. यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मो. अकबर खांडे, राजा महराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, नवल किशोर कपूर और वटाली पर हुर्रियत नेताओं को धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया है. यह धन इन्हें लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सहित व्यक्तियों से प्राप्त हुआ था.

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विशेष रूप से मार्च में खंडपीठ ने एनआईए को नोटिस जारी किया था और याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी. इसके अलावा यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हाई कोर्ट ने अगस्त 2022 में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली वटाली की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उसे आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

वटाली ने कोविड-19 के प्रकोप और अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर जमानत मांगी थी. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने यह देखते हुए कि वटाली की स्थिति स्थिर थी और दवाओं के साथ उसका नियमित इलाज किया जा रहा था, उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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Last Updated : May 16, 2023, 10:00 PM IST
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