नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले नौवीं क्लास के छात्र राजन ने कमाल कर दिखाया है. उन्होंने इस बार एक स्कूटी को ई-स्कूटी में तब्दील कर दिया है. उनका दावा है कि यह मात्र तीन रुपये की बिजली में 70 किलोमीटर चलेगी.
इससे पहले छात्र ने रॉयल एनफील्ड बाइक को ई-बाइक में तब्दील कर दिया था, जिसको ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. वहीं, अब छात्र ने एक स्कूटी को ई-स्कूटी में तब्दील कर दिया है. उनका कहना है कि बाइक पिता के लिए बनाया था. अब ई-स्कूटी मां के लिए बनाई गई है.
स्कूटी को ई-स्कूटी में तब्दील करने को लेकर ईटीवी भारत ने सर्वोदय बाल विद्यालय के छात्र राजन से बात की. उन्होंने कहा कि बाइक हर कोई आसानी से उसका वजन अधिक होने की वजह से नहीं चला पाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए एक स्कूटी को ई-स्कूटी में तब्दील किया है.
उन्होंने कहा कि ई-स्कूटी को बनाने के लिए भी तीन दिन का ही समय लगा है. इसमें करीब 35 हज़ार रुपये का खर्चा आया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसे एक बार चार्ज करने पर 70 से 80 किलोमीटर तक आसानी से चलाया जा सकता है.चार्ज करने के लिए दो से ढाई घंटे में फुल चार्ज हो जाता है.
उन्होंने कहा कि इसकी हाईएस्ट स्पीड 45 है. इसमें फिलहाल चार बैटरी लगी हुई है. साथ ही कहा कि बैटरी की चार्जिंग और स्टेटस स्पीड के लिए एक डिजिटल इंडिकेटर भी लगाया गया है. राजन ने कहा कि अगर इसमें पांच बैटरी लगा दी जाएगी, तो इसकी क्षमता में इजाफा हो जाएगा. इसके अलावा अब उनका सपना है कि वह कार को ई-कार में तब्दील करें, जिसपर काम जारी है.
छात्र राजन के पिता दशरथ ने बताया कि राजन ने ई-स्कूटी मां को ध्यान में रखकर बनाया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि ई-स्कूटी बनाने के लिए जहां पर वह काम करते हैं, मालिक नितिन कपूर ने पूरा सहयोग दिया है. साथ ही भरोसा दिया है कि वह राजन का हर संभव सहयोग करेंगे.
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इसके अलावा राजन के पिता ने कहा कि आने वाले समय भी ई-बाइक का ही है. उन्होंने कहा कि इससे पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि करीब एक यूनिट ही चार्जिंग में बिजली की खपत होती है, जिससे कि बिजली के बिल पर भी इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. दिल्ली में बिजली की दर 4.50 रुपये प्रति यूनिट है, लेकिन जब 200 यूनिट बिजली खर्च करते हैं तो तीन रुपए चार्ज किया जाता है.
राजन की मां रीता देवी ने कहा कि जब से लॉकडाउन लगा था वह कुछ ना कुछ किया करता था. इस दौरान उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि यह सब कुछ देख अच्छा लग रहा है, लेकिन आर्थिक तौर पर मजबूरियां है. ऐसे में सरकार से उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार सभी का सहयोग करती है उम्मीद है कि राजन के सपनों को पूरा करने में भी सहयोग करेगी.
वहीं, राजन के शिक्षक संतराम ने कहा कि राजन की शुरुआत साइकिल से हुई थी. उसके बाद उन्होंने प्रयोग रॉयल एनफील्ड पर किया जोकि काफी भारी वाहन है और सफल रहे. हर कोई उसे आसानी से नहीं चला सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए ई-स्कूटी बनाई है जो कि हर कोई आसानी से चला सकेगा. इस दौरान जब राजन के शिक्षक संतराम से सवाल किया कि वह एक ई-कार बनाने का सपना देख रहे हैं तो उन्होंने कहा ठीक है सपना देखें, लेकिन उसके साथ पढ़ाई भी जरूरी है पढ़ाई से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है.