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Delhi excise policy 'scam': आबकारी नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज

ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धनशोधन मामले में नौ मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. (Decision on Manish Sisodias bail plea today, Supreme Court, Delhi CM Arvind Kejriwal, Sanjay Singh, Delhi excise policy)

Manish Sisodias bail pleas today
सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
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By PTI

Published : Oct 30, 2023, 6:50 AM IST

Updated : Oct 30, 2023, 12:15 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज कर दीं. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी. पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.

  • Supreme Court dismisses the bail plea of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia in connection with cases related to alleged irregularities in the Delhi Excise Policy case. pic.twitter.com/3gAYUMGW9I

    — ANI (@ANI) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को 'घोटाले' में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. आम आदमी पार्टी (आप) नेता तब से हिरासत में हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री रहने के कारण वह एक 'हाई-प्रोफाइल' व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.

उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में उन्हें जमानत देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नयी नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था.

एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि नयी नीति के परिणामस्वरूप गुटबंदी हुई और धन लाभ पाने के लिए शराब लाइसेंस देने में अयोग्य लोगों को लाभ दिया गया. दिल्ली सरकार और सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और नयी नीति से दिल्ली के राजस्व हिस्से में वृद्धि का दावा किया है.

पढ़ें: Delhi Excise Policy Case: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज कर दीं. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी. पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.

  • Supreme Court dismisses the bail plea of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia in connection with cases related to alleged irregularities in the Delhi Excise Policy case. pic.twitter.com/3gAYUMGW9I

    — ANI (@ANI) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को 'घोटाले' में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. आम आदमी पार्टी (आप) नेता तब से हिरासत में हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री रहने के कारण वह एक 'हाई-प्रोफाइल' व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.

उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में उन्हें जमानत देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नयी नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था.

एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि नयी नीति के परिणामस्वरूप गुटबंदी हुई और धन लाभ पाने के लिए शराब लाइसेंस देने में अयोग्य लोगों को लाभ दिया गया. दिल्ली सरकार और सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और नयी नीति से दिल्ली के राजस्व हिस्से में वृद्धि का दावा किया है.

पढ़ें: Delhi Excise Policy Case: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा

Last Updated : Oct 30, 2023, 12:15 PM IST
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