देहरादून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज 14 जनवरी सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक का शुभारंभ किया. इस दौरान दोनों ने युद्ध स्मारक पर अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी इस देश को जरूरत पड़ी है, उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी वो देश के वीरों के बीच पहुंचते हैं तो उनका शीश श्रद्धा से झुक जाता है. सैनिकों की वीरता और बलिदान के दृश्य उनकी आंखों के सामने चमकते रहते हैं. वीर सैनिकों ने देश की सीमाओं की रक्षा की है और भारत देश की एकता और अखंडता को बनाए रखा है.
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए रक्षा मंत्रालय में एक समर्पित विभाग है. पूर्व सैनिक देश की संपत्ति हैं. पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं जो देश पूर्व सैनिकों को देता है, वो उनके सम्मान दिखाने के छोटे तरीके हैं. पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.
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इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपना संबोधन किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले हमारे सशस्त्र बलों को दुश्मनों पर जवाबी हमला करने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती थी. लेकिन अब वे निर्णय लेने और संचालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. सशस्त्र बलों ने हमारे देश के सम्मान, गौरव और प्रतिष्ठा को अक्षुण्य रखा है. उन्होंने हमेशा भारत के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है. उनकी वजह से अब कोई भारत से भिड़ने की हिम्मत नहीं करता.
देवभूमि की शौर्य गाथा समेटे है शौर्य स्थल: देश के सैन्य इतिहास में देवभूमि के रणबांकुरों के शौर्य के असंख्य किस्से दर्ज हैं. उनके इस अदम्य साहस और बलिदान के प्रतीक के रूप में पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय की पहल पर युद्ध स्मारक की नींव रखी गई थी. तरुण विजय ने अपनी सांसद निधि से दो करोड़ रुपए की मदद भी की थी. यही नहीं उनकी अध्यक्षता में गठित उत्तराखंड वार मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से भी तमाम सुविधाएं यहां जुटाई गईं.