जम्मू : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने 1962 में चीन की कार्रवाई का जिक्र किया. राजनाथ ने कहा कि 'बहुत से लोग जवाहर लाल नेहरू की आलोचना करते हैं, लेकिन में भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता. किसी भी प्रधानमंत्री की नीयत पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहता. किसी की नीयत में खोट नहीं हो सकता.'
चीन के साथ 1962 के युद्ध सहित भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को याद करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा से आने के बावजूद वह पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आलोचना नहीं कर सकते. राजनाथ ने कहा '1962 में जो खामियाजा उठाना पड़ा है, उससे लोग अच्छी तरह से परिचित हैं. उस नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है. लेकिन मैं किसी भी प्रधानमंत्री के इरादों पर सवाल नहीं उठाता.' सिंह ने कहा कि भारत आज जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है ऐसे में मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं भारत अब कमजोर देश नहीं रहा. भारत अब दुनिया का ताकतवर देश बनता जा रहा है.
राजनाथ ने कहा कि 'आज नरेंद्र मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्र के हितों की रक्षा करना है और सरकार ने एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 'हमारी प्राथमिकता रक्षा में आत्मानिर्भरता हासिल करना है क्योंकि यह राष्ट्र की सुरक्षा और मजबूत सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए जरूरी है.'
यदि कोई युद्ध हुआ, तो भारत बनेगा विजेता: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हम पर बुरी नजर डालने वाला कोई भी हो' भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने विश्वास जताया कि यदि कोई युद्ध हुआ तो भारत विजेता बनकर उभरेगा. पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के हिस्से को फिर से हासिल करने की वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि यह भारत का हिस्सा है और इस देश का हिस्सा बना रहेगा. राजनाथ ने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे पास हों, पर शक्ति स्वरूपा शारदा जी का धाम LoC के उस पार रहे.
सिंह ने कहा, 'मैं आपको विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि अगर किसी विदेशी ताकत ने हम पर बुरी नजर डाली और युद्ध हुआ तो हम विजयी होंगे.' उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 के बाद से सभी युद्धों में पाकिस्तान को हराया और कड़वी हार के बाद उसने छद्म युद्धों को अंजाम दिया. उन्होंने कहा, 'वर्ष 1965 और 1971 के प्रत्यक्ष युद्धों में हार का स्वाद चखने के बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध का रास्ता अपनाया. दो दशकों से अधिक समय तक इसने 'एक हजार घावों के साथ भारत को लहूलुहान' करने की कोशिश की, लेकिन हर बार हमारे बहादुर सैनिकों ने दिखाया है कि कोई भी भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को भंग नहीं कर सकता है.'
सिंह ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा कि सशस्त्र बल भविष्य की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सेना के साथ खड़े रहे. उन्होंने कहा, 'कोई हिंदू हो या मुस्लिम, सभी अपनी सेना के साथ खड़े हैं और इसे हम भूल नहीं सकते.'
उन्होंने गलवान घाटी की घटना के दौरान बेजोड़ बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले भारतीय सैनिकों को भी सम्मान दिया और कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय तिरंगा ऊंचा उड़ता रहे. अनुच्छेद 370 को एक कृत्रिम कानूनी बाधा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके निरस्त होने से जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेषकर युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं में आशा की एक नई सुबह आई. उन्होंने कहा कि इस फैसले ने लोगों के कल्याण के लिए नए रास्ते खोले और केंद्र शासित प्रदेश अब बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है. इस अवसर पर उपस्थित लोगों में परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन (माननीय) बाना सिंह सहित कई सेवारत सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ-साथ पूर्व सैनिक भी शामिल थे.
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