जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में C-20 के तीन दिवसीय सम्मेलन का शनिवार को आगाज हुआ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और C-20 की अध्यक्ष अमृतानंदमयी देवी अम्मा ने पॉलिसी पैक का विमोचन किया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशंस को C-20 के जरिए एक प्लेटफार्म मिला है, जो हेल्थ, एजुकेशन, जेंडर इक्वलिटी और एनवायरमेंट के क्षेत्र में काम कर रहा है.
सिविल सोसाइटी के पास मल्टीपल रास्ते : उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों के जरिए देश में बदलाव देखने को मिला है. अब सिविल सोसाइटी सोशल, कल्चरल और पॉलिटिकल क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोल निभा रही है. सरकार और सिविल सोसाइटी दोनों इन क्षेत्रों में काम कर रही है. सरकार फॉर्मल तरीके से पॉलिसी मेकिंग करते हुए काम कर रही है, जबकि सिविल सोसाइटी के पास मल्टीपल रास्ते हैं.
पॉलिसी पैक का विमोचन : राजनाथ सिंह ने कहा कि G-20 का फोकस एनवायरनमेंट के साथ इकोनामिक डेवलपमेंट पर है. G-20 के सहभागी समूह C-20 के इस फोरम पर जो पॉलिसी रिकमेंड होगी, उससे सोसाइटी में पॉजिटिव चेंजेज आएंगे. इस दौरान उन्होंने C-20 की अध्यक्ष अम्मा की तारीफ करते हुए कहा कि वो गरीब और पिछड़ों के लिए काम कर रही हैं, वो एक बड़ी प्रेरणा का स्त्रोत हैं. उन्होंने कहा कि अम्मा मेरे लिए भगवान के समान हैं. इस दौरान उन्होंने उनके पैर भी छुए. इसके बाद 16 कार्य समूह की ओर से तय की गई पॉलिसी पैक का विमोचन भी किया गया.
वसुधैव कुटुंबकम का दिया संदेश : आध्यात्म पर केंद्रित अपने संबोधन में अम्मा ने कहा कि कुछ ऐसे लोग सदा रहेंगे जो प्रगति में बाधा बनेंगे, उनके कारण सर्व धर्म के पथ से न हटें. विश्व कल्याण के कार्य की ओर अग्रसर रहने वाला कभी अकेला नहीं रहता. जगत की विभिन्न शक्तियां हमेशा उनके साथ रहती हैं. अम्मा ने बताया कि वो लोगों की पीड़ा और दुख को समझते हुए इसे दूर करने के कार्य में जुट गईं. इस दौरान उन्होंने पूरे विश्व में महिला सशक्तिकरण और जेंडर इक्वलिटी पर हो रही चर्चा का जिक्र किया. आखिर में उन्होंने मनुष्य के जीवन में आध्यात्म की प्रासंगिकता की बात कहते हुए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया. उद्घाटन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, C-20 की अध्यक्ष अमृतानंदयी देवी अम्मा, मेक्सिको दूतावास के राजदूत फेडरिको सालास लोटफे, मंत्री शकुंतला रावत, सांसद रामचरण बोहरा मौजूद रहे.