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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से की मुलाकात - टोक्यो न्यूज़

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया तथा जापान की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के आखिरी पड़ाव में टोक्यो पहुंचे हैं. यहां उन्होंने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से गुरुवार को मुलाकात की.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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Published : Sep 8, 2022, 2:14 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 6:00 PM IST

टोक्यो : भारत और जापान ने सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर गुरुवार को सहमति जतायी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों देशों की विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया तथा जापान की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के आखिरी पड़ाव में टोक्यो पहुंचे हैं. यहां उन्होंने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से गुरुवार को मुलाकात की.

वे दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देने के लिए सैन्य अभ्यास करने पर भी सहमत हुए. सिंह ने हमदा ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, "जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की. इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं." उन्होंने कहा, "भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं. जापान के साथ भारत की रक्षा साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी."

हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते सैन्य हस्तक्षेप के बीच भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं. चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं.

भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत-जापान द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास में गहन साझेदारी दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का प्रमाण है. उन्होंने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. बयान के अनुसार, मंत्री ने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है. दोनों मंत्रियों ने 'धर्म गार्जियन', 'जिमेक्स' और 'मालाबार' सहित द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

उन्होंने इस वर्ष मार्च में अभ्यास 'मिलन' के दौरान 'रेसिप्रोकल प्रोविजन ऑफ सप्लाई एंड सर्विसेज एग्रीमेंट' के संचालन का स्वागत किया. दोनों मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि सैन्य अभ्यास की शुरुआत से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच सहयोग गहरा होगा. जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है.

रक्षा उपकरण, तकनीकी सहयोग में भारत-जापान साझेदारी के विस्तार की जरूरत पर जोर

राजनाथ सिंह ने रक्षा उपकरण, तकनीकी सहयोग में भारत-जापान साझेदारी का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया और जापानी कम्पनियों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश के लिए आमंत्रित किया. टोक्यो में सिंह और जापान के उनके समकक्ष यासुकाजु हमदा ने द्विपक्षीय वार्ता में द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की. इस बात को लेकर सहमति व्यक्त की कि सैन्य अभ्यास के जल्द से जल्द शुरू होने से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अधिक सहयोग बढ़ेगा.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और दोनों देशों की विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी तथा एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है.

मंत्रालय के अनुसार, सिंह सात सितंबर की रात को टोक्यो पहुंचे थे. सिंह ने अपनी जापान यात्रा की शुरुआत गुरुवार को जापान की आत्मरक्षा सेना के उन कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की, जिन्होंने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. जापान के रक्षा मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने से पहले सिंह को सलामी गारद दिया गया. राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर जापान के अपने समकक्षों क्रमश: यासुकाजु हमदा और योशिमासा हयाशी के साथ आज 'टू प्लस टू' प्रारूप में वार्ता करेंगे.

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है. मंत्रालय ने कहा कि इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. दोनों लोकतंत्र देश एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

टोक्यो : भारत और जापान ने सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर गुरुवार को सहमति जतायी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों देशों की विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया तथा जापान की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के आखिरी पड़ाव में टोक्यो पहुंचे हैं. यहां उन्होंने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से गुरुवार को मुलाकात की.

वे दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देने के लिए सैन्य अभ्यास करने पर भी सहमत हुए. सिंह ने हमदा ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, "जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की. इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं." उन्होंने कहा, "भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं. जापान के साथ भारत की रक्षा साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी."

हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते सैन्य हस्तक्षेप के बीच भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं. चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं.

भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत-जापान द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास में गहन साझेदारी दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का प्रमाण है. उन्होंने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. बयान के अनुसार, मंत्री ने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है. दोनों मंत्रियों ने 'धर्म गार्जियन', 'जिमेक्स' और 'मालाबार' सहित द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

उन्होंने इस वर्ष मार्च में अभ्यास 'मिलन' के दौरान 'रेसिप्रोकल प्रोविजन ऑफ सप्लाई एंड सर्विसेज एग्रीमेंट' के संचालन का स्वागत किया. दोनों मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि सैन्य अभ्यास की शुरुआत से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच सहयोग गहरा होगा. जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है.

रक्षा उपकरण, तकनीकी सहयोग में भारत-जापान साझेदारी के विस्तार की जरूरत पर जोर

राजनाथ सिंह ने रक्षा उपकरण, तकनीकी सहयोग में भारत-जापान साझेदारी का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया और जापानी कम्पनियों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश के लिए आमंत्रित किया. टोक्यो में सिंह और जापान के उनके समकक्ष यासुकाजु हमदा ने द्विपक्षीय वार्ता में द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की. इस बात को लेकर सहमति व्यक्त की कि सैन्य अभ्यास के जल्द से जल्द शुरू होने से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अधिक सहयोग बढ़ेगा.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और दोनों देशों की विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी तथा एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है.

मंत्रालय के अनुसार, सिंह सात सितंबर की रात को टोक्यो पहुंचे थे. सिंह ने अपनी जापान यात्रा की शुरुआत गुरुवार को जापान की आत्मरक्षा सेना के उन कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की, जिन्होंने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. जापान के रक्षा मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने से पहले सिंह को सलामी गारद दिया गया. राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर जापान के अपने समकक्षों क्रमश: यासुकाजु हमदा और योशिमासा हयाशी के साथ आज 'टू प्लस टू' प्रारूप में वार्ता करेंगे.

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है. मंत्रालय ने कहा कि इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. दोनों लोकतंत्र देश एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 8, 2022, 6:00 PM IST
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