चेन्नई : नासा के 2020 मंगल मिशन का हिस्सा रहीं भारतीय स्वाति मोहन ने कहा कि माध्यामिक विद्यालय में भौतिकी विज्ञान पढ़ने के निर्णय से ही वह नासा में अपने जुनून को आगे बढ़ा पाईं.
नासा के जेट प्रॉपल्जन लेबोरेटरी (जेपीएल) के 'गाइडेंस, नेविगेशन ऐंड कंट्रोल सिस्टम्स इंजीनियरिंग ग्रुप' की पर्यवेक्षक स्वाति मोहन ने कहा, 'भौतिकी विज्ञान मेरे लिए आसान था और जीव विज्ञान मुझे उतना आसान नहीं लगता था, नासा की जेपीएल में इंटर्नशिप ने मुझे सीखने और समझने का मौका दिया.'
स्वाति मोहन ने चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम 'प्रवासी कूटनीति' की शुरुआत के मौके पर बुधवार को यह कहा. चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्यदूत जूडिथ रविन ने इस ऑनलाइन श्रृंखला का उद्घाटन किया.
इस मौके पर स्वाति ने कहा कि नासा में अंतरिक्ष शिविर में दाखिला लेने और स्कूल का चयन करने से लेकर इंटर्नशिप करने तक वह सौर मंडल में बारे में जानने और उसके बारे में सीखने को उत्सुक थीं.
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उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता, उनके पति सहित परिवार के सभी सदस्यों ने यह सपना सच करने में उनकी मदद की और वे सभी उनके 'बडे़ समर्थक' रहे. स्वाति ने कहा, ' कई भारतीय-अमेरिकी तथा भारतीय मंगल 2020 और जेपीएल के लिए काम कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, ' जेपीएल टीम अगले साल अंतरिक्ष यान के एकीकरण और उसके प्रक्षेपण के लिए भारत आएगी.'
स्वाति ने कहा कि वह उम्मीद करती हैं कि नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की साझेदारी भविष्य में बढ़ती रहेगी.