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उत्तराखंड के सबसे क्रूर हत्यारे को मृत्युदंड, मां, भाई और गर्भवती भाभी की काटी थी गर्दन

उत्तराखंड के सबसे क्रूर हत्यारे को मृत्युदंड की सजा मिली है. संजय नाम के हत्यारे ने 2014 में भाई की डांट के बाद एक के बाद एक ताबड़तोड़ तीन हत्याएं कर दी थीं. पहले उसने अपनी गर्भवती भाभी की गर्दन धड़ से अलग कर दी. इसके बाद भाई की गर्दन काटी, उसके बाद मां की भी हत्या कर दी. जानिए क्या है पूरा मामला.

कोर्ट का फैसला
कोर्ट का फैसला
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Published : Aug 26, 2021, 3:26 PM IST

टिहरी: सात साल पहले गुमलागांव में तलवार से मां, भाई और भाभी की हत्या करने वाले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस अपराध को रेयर ऑफ रेयरेस्ट श्रेणी का माना है. साथ ही आरोपी पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त कठोर कारावास में गुजारना पड़ेगा.

टिहरी जिला न्यायालय में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने कहा कि यह मामला 13 दिसंबर 2014 का है. गजा तहसील के गुमलागांव निवासी राम सिंह पंवार ने नायब तहसीलदार गजा को तहरीर देकर बताया कि उसके बेटे संजय सिंह ने अपनी मां मीना देवी (58), भाई सुरेंद्र सिंह (34) और भाभी कांता देवी (25) का आपसी विवाद में तलवार से बेरहमी से कत्ल कर दिया है. घटना के समय कांता देवी 12 सप्ताह की गर्भवती थी. अत्याधिक खून बहने से उसके बच्चे की भी मौत हो गई थी. घटना से पिता राम सिंह बहुत आहत थे. करीब दो माह बाद अभियुक्त के पिता राम सिंह की मृत्यु हो गई थी. तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार ने राजस्व पुलिस चौकी क्वीली में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू की.

पढ़ें: कर्नाटक: मैसूर में एमबीए छात्रा से गैंगरेप, सीएम ने दिये जांच के आदेश

राजस्व पुलिस ने घटनास्थल से तलवार के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 316 के तहत आरोप पत्र सीजेएम न्यायालय में पेश किया. सीजेएम कोर्ट ने परीक्षण के बाद 10 फरवरी 2015 को मामला सेशन कोर्ट के सुपुर्द किया. मंगलवार 24 अगस्त को एडीजे रमा पांडेय की अदालत में मामले पर बहस हुई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने 16 गवाह पेश किए.

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर और विरलतम (रेयर ऑफ रेयरेस्ट) पाते हुए कठोरतम दंड से दंडित करने का निर्णय लिया और अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.

ये है उस मनहूस दिन की कहानी
13 दिसंबर 2014 को गुमालगांव में ये वीभत्स घटना हुई थी. सिरफिरे संजय ने अपने ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. मामूली विवाद में इस वहशी ने पूरा घर उजाड़ दिया था. बताया जा रहा है कि 13 दिसंबर 2014 की सुबह संजय के सगे भाई सुरेंद्र सिंह ने उसे डांट दिया था. दरअसल वो कुछ काम नहीं करता था. इसी से बड़े भाई ने उसे डांटा कि वो कुछ काम-धाम क्यों नहीं करता. बड़े भाई की डांट को उसने गलत ढंग से लिया. उसे सहन नहीं हुआ कि भाई उसे डांटे. इससे संजय गुस्से से पागल हो गया. उसके सिर पर खून सवार हो गया. संजय ने घर में रखी तलवार निकाली. तलवार को काफी देर तक धार दी. इसके बाद जब उसे भरोसा हो गया कि जिस अमानुषिक कृत्य को वो करने जा रहा है वो हो जाएगा तो वो अपने नापाक मिशन पर निकल पड़ा.

सबसे पहले गर्भवती भाभी का सिर काटा: उसी दिन सुबह 10 से 11 बजे के बीच वो जंगल पहुंचा. वहां उसकी गर्भवती भाभी कांता बकरियां चरा रही थी. कांता कुछ समझ पाती उससे पहले ही वहशी संजय ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. कांता की जंगल में ही तड़पकर मौत हो गई.

भाई को मारकर दूसरी हत्या की : इसके बाद वह घर के पास ही छिप गया. उसे पता था कि थोड़ी देर बाद उसका भाई सुरेंद्र काम से लौटेगा. जैसे ही सुरेंद्र घर के पास पहुंचा, संजय ने उस पर पीछे से तलवार से वार कर दिया. भाई सुरेंद्र ने भी वहीं दम तोड़ दिया.

हत्यारे ने मां को भी मार डाला: मां मीना देवी को बड़े बेटे की हत्या की खबर मिली तो वो घटनास्थल के तरफ दौड़ी. मां को घटनास्थल की ओर जाते देख दरिंदे संजय ने अपनी जननी को भी क्रूरता से मार डाला. इस तरह उसने घंटे भर के अंदर वीभत्स तरीके से तीन हत्याएं करके परिवार उजाड़ डाला.

पिता को भी मारना चाहता था संजय: इस हत्यारे के मंसूबे यहीं खत्म नहीं हुए थे. बताया जा रहा है कि वो अपने जन्मदाता पिता को भी तलवार के वार से मार डालना चाहता था. ये पिता का सौभाग्य था कि वो उस समय बाजार गए थे. इस तरह पिता की जान वहशी दरिंदे से बच गई थी.

लाइसेंसी बंदूक लेकर छिप गया था कमरे में: तीन-तीन हत्याएं करने के बाद हत्यारे संजय ने पिता की लाइसेंसी बंदूक और खूनी तलवार को लेकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था. तिहरे हत्याकांड की खबर पूरे टिहरी में फैल चुकी थी. मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने उसे कमरे से बाहर आने को कहा. हत्यारा संजय गोली मारने की धमकी देता रहा. दिन भर उसका ड्रामा चलता रहा.

आंसू गैस छोड़ी, तब कमरे से बाहर निकला : पुलिस ने जब हर जतन कर लिया और उन्हें हत्यारे को कमरे से निकालने में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों और उपद्रवियों पर किए जाने वाले उपाय को आजमाने का फैसला लिया. रात को पुलिस ने आंसू गैस कमरे में छोड़ी. तब जाकर हत्यारा संजय पकड़ में आया.

पिता रामसिंह ने हत्यारे बेटे संजय के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी. राजस्व पुलिस ने पिता की तहरीर पर संजय के खिलाफ केस दर्ज किया. बुधवार को न्यायालय ने 7 साल बाद अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. हालांकि पिता की उस घटना के 2 महीने बाद ही सदमे से मौत हो गई थी.

पढ़ें- कोर्ट का बड़ा फैसला, वाहनों के संपूर्ण बीमा को अनिवार्य किया जाए

टिहरी: सात साल पहले गुमलागांव में तलवार से मां, भाई और भाभी की हत्या करने वाले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस अपराध को रेयर ऑफ रेयरेस्ट श्रेणी का माना है. साथ ही आरोपी पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त कठोर कारावास में गुजारना पड़ेगा.

टिहरी जिला न्यायालय में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने कहा कि यह मामला 13 दिसंबर 2014 का है. गजा तहसील के गुमलागांव निवासी राम सिंह पंवार ने नायब तहसीलदार गजा को तहरीर देकर बताया कि उसके बेटे संजय सिंह ने अपनी मां मीना देवी (58), भाई सुरेंद्र सिंह (34) और भाभी कांता देवी (25) का आपसी विवाद में तलवार से बेरहमी से कत्ल कर दिया है. घटना के समय कांता देवी 12 सप्ताह की गर्भवती थी. अत्याधिक खून बहने से उसके बच्चे की भी मौत हो गई थी. घटना से पिता राम सिंह बहुत आहत थे. करीब दो माह बाद अभियुक्त के पिता राम सिंह की मृत्यु हो गई थी. तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार ने राजस्व पुलिस चौकी क्वीली में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू की.

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राजस्व पुलिस ने घटनास्थल से तलवार के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 316 के तहत आरोप पत्र सीजेएम न्यायालय में पेश किया. सीजेएम कोर्ट ने परीक्षण के बाद 10 फरवरी 2015 को मामला सेशन कोर्ट के सुपुर्द किया. मंगलवार 24 अगस्त को एडीजे रमा पांडेय की अदालत में मामले पर बहस हुई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने 16 गवाह पेश किए.

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर और विरलतम (रेयर ऑफ रेयरेस्ट) पाते हुए कठोरतम दंड से दंडित करने का निर्णय लिया और अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.

ये है उस मनहूस दिन की कहानी
13 दिसंबर 2014 को गुमालगांव में ये वीभत्स घटना हुई थी. सिरफिरे संजय ने अपने ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. मामूली विवाद में इस वहशी ने पूरा घर उजाड़ दिया था. बताया जा रहा है कि 13 दिसंबर 2014 की सुबह संजय के सगे भाई सुरेंद्र सिंह ने उसे डांट दिया था. दरअसल वो कुछ काम नहीं करता था. इसी से बड़े भाई ने उसे डांटा कि वो कुछ काम-धाम क्यों नहीं करता. बड़े भाई की डांट को उसने गलत ढंग से लिया. उसे सहन नहीं हुआ कि भाई उसे डांटे. इससे संजय गुस्से से पागल हो गया. उसके सिर पर खून सवार हो गया. संजय ने घर में रखी तलवार निकाली. तलवार को काफी देर तक धार दी. इसके बाद जब उसे भरोसा हो गया कि जिस अमानुषिक कृत्य को वो करने जा रहा है वो हो जाएगा तो वो अपने नापाक मिशन पर निकल पड़ा.

सबसे पहले गर्भवती भाभी का सिर काटा: उसी दिन सुबह 10 से 11 बजे के बीच वो जंगल पहुंचा. वहां उसकी गर्भवती भाभी कांता बकरियां चरा रही थी. कांता कुछ समझ पाती उससे पहले ही वहशी संजय ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. कांता की जंगल में ही तड़पकर मौत हो गई.

भाई को मारकर दूसरी हत्या की : इसके बाद वह घर के पास ही छिप गया. उसे पता था कि थोड़ी देर बाद उसका भाई सुरेंद्र काम से लौटेगा. जैसे ही सुरेंद्र घर के पास पहुंचा, संजय ने उस पर पीछे से तलवार से वार कर दिया. भाई सुरेंद्र ने भी वहीं दम तोड़ दिया.

हत्यारे ने मां को भी मार डाला: मां मीना देवी को बड़े बेटे की हत्या की खबर मिली तो वो घटनास्थल के तरफ दौड़ी. मां को घटनास्थल की ओर जाते देख दरिंदे संजय ने अपनी जननी को भी क्रूरता से मार डाला. इस तरह उसने घंटे भर के अंदर वीभत्स तरीके से तीन हत्याएं करके परिवार उजाड़ डाला.

पिता को भी मारना चाहता था संजय: इस हत्यारे के मंसूबे यहीं खत्म नहीं हुए थे. बताया जा रहा है कि वो अपने जन्मदाता पिता को भी तलवार के वार से मार डालना चाहता था. ये पिता का सौभाग्य था कि वो उस समय बाजार गए थे. इस तरह पिता की जान वहशी दरिंदे से बच गई थी.

लाइसेंसी बंदूक लेकर छिप गया था कमरे में: तीन-तीन हत्याएं करने के बाद हत्यारे संजय ने पिता की लाइसेंसी बंदूक और खूनी तलवार को लेकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था. तिहरे हत्याकांड की खबर पूरे टिहरी में फैल चुकी थी. मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने उसे कमरे से बाहर आने को कहा. हत्यारा संजय गोली मारने की धमकी देता रहा. दिन भर उसका ड्रामा चलता रहा.

आंसू गैस छोड़ी, तब कमरे से बाहर निकला : पुलिस ने जब हर जतन कर लिया और उन्हें हत्यारे को कमरे से निकालने में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों और उपद्रवियों पर किए जाने वाले उपाय को आजमाने का फैसला लिया. रात को पुलिस ने आंसू गैस कमरे में छोड़ी. तब जाकर हत्यारा संजय पकड़ में आया.

पिता रामसिंह ने हत्यारे बेटे संजय के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी. राजस्व पुलिस ने पिता की तहरीर पर संजय के खिलाफ केस दर्ज किया. बुधवार को न्यायालय ने 7 साल बाद अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. हालांकि पिता की उस घटना के 2 महीने बाद ही सदमे से मौत हो गई थी.

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