उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बीते तीन दिन से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और कई जगहों पर कटान शुरू हो गई है. कटान के चलते गंगा की रेती में दफन किए गए शव अब नदी में उतरने लगे हैं. वहीं अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं. बीघापुर के एसडीएम का दावा है कि उन्होंने पुलिस के अधिकारियों के साथ गंगा का निरीक्षण किया है. इस दौरान उन्हें कोई शव उतराता नहीं दिखाई दिया. बीते दिनों जिले के बक्सर घाट पर गंगा किनारे के पास कई शवों को दफन किया गया था, जिसकी खबर प्रकाशित किए जाने के बाद प्रशासन ने शवों को सही ढंग से ढकवाया था.
उन्नाव के बक्सर घाट का मामला
उन्नाव के बीघापुर तहसील क्षेत्र के बक्सर घाट पर लगभग 20 दिन पहले नदी के किनारे और धारा के बीच में करीब 12 शव दफनाए हुए मिले थे. कोरोना संक्रमण जब विकराल रुप ले चुका था, तब ग्रामीण इलाकों में हुई सैकड़ों संदिग्ध मौतों के बाद परिजनों ने शवों को दफनाया और कुछ ने शवों का दाह संस्कार किया. गंगा नदी की धारा के बीच में जिन शवों को टीले पर दफनाया गया था, कटान के चलते वह शव नदी में उतरने लगे. इन शवों को पक्षी नोचते हुए दिखाई दिए.
पढ़ें- उत्तराखंड : कोरोना से कराह रही जनता पर सीएम तीरथ का 'चीनी' मरहम
कौन बोल रहा झूठ- अधिकारी, ग्रामीण या वीडियो
गंगा में शव उतरने की खबर मिलते ही अधिकारी निरीक्षण के लिए निकल पड़े. एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ गंगा का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें कोई भी शव बहता हुआ नहीं दिखा, जबकि स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने कई शवों को उतरते हुए देखा है. ग्रामीणों की मानें तो अब तक 50 से ज्यादा शव बह चुके हैं.
एसडीएम ने नकारा
बीघापुर के एसडीएम दयाशंकर पाठक से जब बक्सर घाट में गंगा किनारे बहते शवों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ संयुक्त रूप से गंगा का निरीक्षण किया है. गंगा में कोई भी शव बहता हुआ नहीं दिखाई दिया है.