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तारीख बढ़ाने के बाद भी नहीं हुआ हज आवेदनों में इजाफा, मात्र 1047 आवेदन

दूसरे धार्मिक आयोजनों की तरह ही इस बार फिर से पवित्र हज का सफर भी महामारी के बाद आई वैश्विक मंदी की वजह से प्रभावित होता दिखाई दे रहा है. हालत यह है कि हर साल हज के सफर के लिए जहां चार से पांच लाख और कई बार तो इससे भी कहीं ज्यादा आवेदन मिलते थे, वहीं इस बार जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी महज एक हजार 47 आवेदन ही जमा किए जा सके है.

तारीख बढ़ाने के बाद भी नहीं हुआ आवेदनों में इजाफा
तारीख बढ़ाने के बाद भी नहीं हुआ आवेदनों में इजाफा
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Published : Dec 19, 2020, 10:10 AM IST

नई दिल्ली: पवित्र हज यात्रा 2021 पर जाने के लिए आवेदन करने की अंतिम बढ़ाए जाने के बावजूद भी हज एप्लीकेशन फार्म की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है, जिससे अंदाजा लगाया का सकता है कि महामारी के बाद महंगाई का असर इस बार हज के सफर पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. हज कमेटी के डिप्टी एक्ज़िक्यूटिव ऑफिसर मोहसिन खान ने बताया कि हज के सफर पर जाने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि दस दिसंबर थी, तब तक सिर्फ एक हजार आवेदन फार्म ही प्राप्त हुए थे, उसके बाद फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ा कर दस जनवरी कर दिया गया है, लेकिन अब तक महज 47 एप्लीकेशन फॉर्म ही जमा किए गए हैं. जबकि आम दिनों में अंतिम तिथि के बाद रोजाना दो से तीन सौ तक एप्लीकेशन फॉर्म प्राप्त होते थे.

तारीख बढ़ाने के बाद भी नहीं हुआ आवेदनों में इजाफा

भारत-सउदी मीटिंग के बाद साफ होगी स्थिति
मोहसिन खान ने बताया कि समझा जा रहा है कि इस महीने के अंत तक भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की सऊदी सरकार के समक्ष मंत्री से होने वाली मीटिंग और समझौते के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी कि आखिर इस साल 2021 में होने वाले हज के मुकद्दस सफर लिए कितना कोटा इंडिया को मिलता और फिर दिल्ली के हिस्से में जितना आता है. हालांकि इस से हज एप्लीकेशन फॉर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि तब तक हज फार्म भरने की अंतिम तिथि 10 जनवरी भी निकल जाएगी.

पढ़ें : महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा, आवेदनों में भारी कमी

महामारी ने किया प्रभावित
मोहसिन खान के मुताबिक महामारी के बाद बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था ने लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, इसका सीधा असर हज के सफ़र पर भी देखा जा रहा है. सोने पे सुहागा इस बार हज के सफर पर होने वाले खर्च में भी खासा इजाफा हो गया है. इसके अलावा लोगों में हज के सफर को लेकर तरह तरह के कनफ्यूजन भी बने हुए हैं, सफ़र पर आने जाने के लिए कोविड को देखते हुए दिशा निर्देश किस तरह के रहेंगे. इसके साथ ही कोरिंटीन का क्या नियम बनेगा, सबसे बड़ी दिक्कत बढ़ी महंगाई और बिगड़े कारोबारी हालात ही है.

एक्का दुक्का लोग ही ले रहे फॉर्म

मोहसिन खान ने बताया कि हज फार्म भरने में आने वाली किसी भी दिक्कत के समाधान के लिए कहने को दिल्ली हज कमेटी के हज मंजिल स्थित कार्यालय में हेल्प डेस्क के साथ काउंटर किभी व्यवस्था की हुए है, उसके बावजूद भी यहां दिनभर इक्का दुक्का लोग ही फार्म से जुड़ी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार मुकद्दस हज का सफर किस हद पर महामारी और आर्थिक स्थिति से प्रभावित रहेगा. दिल्ली हज कमेटी में क्योंकि दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों से जाने वालों के लिए सेंटर रहता है, उसके बाद भी यहां कोई नहीं पहुंच रहा है.

नई दिल्ली: पवित्र हज यात्रा 2021 पर जाने के लिए आवेदन करने की अंतिम बढ़ाए जाने के बावजूद भी हज एप्लीकेशन फार्म की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है, जिससे अंदाजा लगाया का सकता है कि महामारी के बाद महंगाई का असर इस बार हज के सफर पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. हज कमेटी के डिप्टी एक्ज़िक्यूटिव ऑफिसर मोहसिन खान ने बताया कि हज के सफर पर जाने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि दस दिसंबर थी, तब तक सिर्फ एक हजार आवेदन फार्म ही प्राप्त हुए थे, उसके बाद फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ा कर दस जनवरी कर दिया गया है, लेकिन अब तक महज 47 एप्लीकेशन फॉर्म ही जमा किए गए हैं. जबकि आम दिनों में अंतिम तिथि के बाद रोजाना दो से तीन सौ तक एप्लीकेशन फॉर्म प्राप्त होते थे.

तारीख बढ़ाने के बाद भी नहीं हुआ आवेदनों में इजाफा

भारत-सउदी मीटिंग के बाद साफ होगी स्थिति
मोहसिन खान ने बताया कि समझा जा रहा है कि इस महीने के अंत तक भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की सऊदी सरकार के समक्ष मंत्री से होने वाली मीटिंग और समझौते के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी कि आखिर इस साल 2021 में होने वाले हज के मुकद्दस सफर लिए कितना कोटा इंडिया को मिलता और फिर दिल्ली के हिस्से में जितना आता है. हालांकि इस से हज एप्लीकेशन फॉर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि तब तक हज फार्म भरने की अंतिम तिथि 10 जनवरी भी निकल जाएगी.

पढ़ें : महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा, आवेदनों में भारी कमी

महामारी ने किया प्रभावित
मोहसिन खान के मुताबिक महामारी के बाद बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था ने लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, इसका सीधा असर हज के सफ़र पर भी देखा जा रहा है. सोने पे सुहागा इस बार हज के सफर पर होने वाले खर्च में भी खासा इजाफा हो गया है. इसके अलावा लोगों में हज के सफर को लेकर तरह तरह के कनफ्यूजन भी बने हुए हैं, सफ़र पर आने जाने के लिए कोविड को देखते हुए दिशा निर्देश किस तरह के रहेंगे. इसके साथ ही कोरिंटीन का क्या नियम बनेगा, सबसे बड़ी दिक्कत बढ़ी महंगाई और बिगड़े कारोबारी हालात ही है.

एक्का दुक्का लोग ही ले रहे फॉर्म

मोहसिन खान ने बताया कि हज फार्म भरने में आने वाली किसी भी दिक्कत के समाधान के लिए कहने को दिल्ली हज कमेटी के हज मंजिल स्थित कार्यालय में हेल्प डेस्क के साथ काउंटर किभी व्यवस्था की हुए है, उसके बावजूद भी यहां दिनभर इक्का दुक्का लोग ही फार्म से जुड़ी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार मुकद्दस हज का सफर किस हद पर महामारी और आर्थिक स्थिति से प्रभावित रहेगा. दिल्ली हज कमेटी में क्योंकि दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों से जाने वालों के लिए सेंटर रहता है, उसके बाद भी यहां कोई नहीं पहुंच रहा है.

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