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'आपातकाल के 'काले दिनों' को कभी भूला नहीं जा सकता' - आपातकाल के काले दिनों

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता. वर्ष 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया.

पीएम मोदी
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Published : Jun 25, 2021, 12:22 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज (शुक्रवार) आपातकाल की 46वीं बरसी (46th anniversary of emergency) पर कहा, उन 'काले दिनों' को कभी नहीं भूला जा सकता, जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था.

उन्होंने देशवासियों से भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करने और संवैधानिक मूल्यों का पालन करने का प्रण लेने को कहा.

उल्लेखनीय है कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू किया गया था. इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं.

पढ़ें- आपातकाल : कब, क्यों, कैसे, कितनी बार...जानिए सबकुछ

  • The #DarkDaysOfEmergency can never be forgotten. The period from 1975 to 1977 witnessed a systematic destruction of institutions.

    Let us pledge to do everything possible to strengthen India’s democratic spirit, and live up to the values enshrined in our Constitution.

    — Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता. वर्ष 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा, आइए, हम सब भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों के अनुरूप जीने का प्रण लें.

भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने और आपातकाल का विरोध करने वालों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा की ओर से सोशल मीडिया के मंच इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पोस्ट के एक लिंक को भी साझा किया, जिसमें जिक्र किया गया है कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों, किशोर कुमार के गानों, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरणों तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

प्रधानमंत्री ने कहा, इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था.

(भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज (शुक्रवार) आपातकाल की 46वीं बरसी (46th anniversary of emergency) पर कहा, उन 'काले दिनों' को कभी नहीं भूला जा सकता, जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था.

उन्होंने देशवासियों से भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करने और संवैधानिक मूल्यों का पालन करने का प्रण लेने को कहा.

उल्लेखनीय है कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू किया गया था. इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं.

पढ़ें- आपातकाल : कब, क्यों, कैसे, कितनी बार...जानिए सबकुछ

  • The #DarkDaysOfEmergency can never be forgotten. The period from 1975 to 1977 witnessed a systematic destruction of institutions.

    Let us pledge to do everything possible to strengthen India’s democratic spirit, and live up to the values enshrined in our Constitution.

    — Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता. वर्ष 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा, आइए, हम सब भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों के अनुरूप जीने का प्रण लें.

भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने और आपातकाल का विरोध करने वालों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा की ओर से सोशल मीडिया के मंच इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पोस्ट के एक लिंक को भी साझा किया, जिसमें जिक्र किया गया है कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों, किशोर कुमार के गानों, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरणों तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

प्रधानमंत्री ने कहा, इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था.

(भाषा)

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