भुवनेश्वर: दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. 7 मई की शाम तक एक डिप्रेशन में तेज हो जाएगा. जो 8 मई की शाम तक एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. MeT ने यह भी कहा कि इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 10 मई तक उत्तर आंध्र-ओडिशा तटों से पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है.
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ओडिशा में भारी बारिश के लिए तैयार आपदा प्रतिक्रिया दल स्टैंडबाय पर: विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने कहा कि एनडीआरएफ की 17 टीमों, ओडीआरएएफ की 20 टीमों और दमकल सेवाओं की 175 टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. अग्निशमन सेवा महानिदेशक एसके उपाध्याय ने कहा कि दमकल कर्मियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए गए हैं. प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि चक्रवाती तूफान से क्षतिग्रस्त संभावित ओडिशा के 18 जिलों के जिलाअधिकारियों को किसी भी आपदा से निपटने को तैयार रहने का निर्देश दे दिया गया है. साथ ही आपदा ने निपटने के लिए सभी प्रकार के तकनीकी उपकरण को तैयार रखने का आदेश दिया है.
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कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद तूफान बन सकता है. इस दौरान हवा की अनुमानिक गति 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. वहीं, 8 मई को चक्रवात के दौरान हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. चक्रवात के कारण मछूआरों को 5 मई से 8 मई तक अंडमान सागर एंव पूर्व-केंद्रीय बंगाल की खाड़ी के आप-पास के क्षेत्रों में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है. वहीं कम दबाव का क्षेत्र बनने पर परिस्थिति के अनुसार बंदरगाहों के लिए चेतावनी जारी की जा सकती है.