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पापा बेचते हैं मछली, बेटी ने साइकिल से नाप लिया भारत, अब एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की चाहत

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Published : Nov 27, 2021, 7:49 PM IST

बिहार के छपरा की बेटी सविता महतो (cyclist Savita Mahto) ने 173 दिनों में 29 राज्यों का साइकिल से भ्रमण कर एक कीर्तिमान बनाया है. उन्होंने इस दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी दिया है. अब सविता की एवरेस्ट (Mount Everest) पर तिरंगा फहराने की चाहत है, जिसके लिए उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की आस लगा रखी है. पढ़ें रिपोर्ट..

Savita Mahto etv bharat
Savita Mahto etv bharat

पटना : 173 दिन में 29 राज्यों का सविता महतो (cyclist Savita Mahto) ने साइकिल से सफर (Travel to 29 states by Bicycle) कर चुकी हैं. यहां तक कि सतोपंथ पर्वत पर भी तिरंगा लहरा चुकी हैं. अब इनका एकमात्र सपना है कि वह माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़कर देश का तिरंगा लहराए. सविता बिहार के छपरा जिले के छोटे से कस्बे पानापुर की रहने वाली हैं. सविता एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की हैं. इनके पिताजी मछली व्यवसाय करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

बिहार की बेटी सविता (cyclist Savita Mahto) ने साइकिल से 29 राज्यों की यात्रा कर कीर्तिमान भी स्थापित कर चुकी हैं. भ्रमण यात्रा में उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी देने का काम किया है. अब सविता का सपना माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का है. लेकिन, माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में आर्थिक स्थिति सामने आ रही है. जिस कारण से उनका सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. इस सपना को पूरा करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाई है. यहां तक की कला संस्कृति विभाग के मंत्री से भी मिल चुकी हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ और नहीं मिल रहा है.

सविता महतो की एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की चाहत.

सविता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने कई राज्यों के चक्कर तो लगाए, लेकिन सपना पूरा करने में आर्थिक स्थिति समस्या बनी हुई है. फैमिली बैकग्राउंड इतना मजबूत नहीं है कि वह माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर सकें. इसके पहले सविता हिमालय के संतोंपथ पर्वत पर साढ़े सात हजार मीटर ऊंचाई पर तिरंगा फहरा (Mountaineer Savita Mahto from Bihar) चुकी हैं. सविता 2019 में भी नेपाल के 5416 मीटर थोरानग्ला यात्रा कर चुकी हैं. साथ ही नेपाल के कई सरकारी और निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच जाकर उन्होंने इस जागरूकता अभियान पर चर्चा भी की थी.

''मैं दुनिया के शीर्ष पर पहुंचकर भारत का तिरंगा फहराना चाहती हूं इस मिशन का प्रारंभ पटना से कन्याकुमारी तक साइकिल से रवाना होकर करना है. 70 दिन सड़क और फिर पहाड़ों पर कई दिन बिताना चुनौतीपूर्ण होगा. यह ना केवल एक विश्व रिकॉर्ड होगा, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और हमारे युवाओं को प्रेरित करने का अवसर भी है.''- सविता महतो, पर्वतारोही

बता दें कि छपरा की रहने वाली सविता महतो के नाम कई अनूठे रिकॉर्ड हैं. पिछले 6 साल से अधिक समय से वह कन्याकुमारी से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने की चाहत रख रही हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार से कोई मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है अभी तक पहल नहीं की गई है. जिसका नतीजा है कि सविता का सपना अधूरा पड़ा हुआ है, लेकिन सविता के मजबूत इरादे अभी भी कायम है.

सविता ने 18 जुलाई 2017 तक साइकिल से देश के 29 राज्य और 1 केंद्र शासित राज्य की 12,500 किलोमीटर की यात्रा 173 दिन में पूरा करके कीर्तिमान स्थापित किया है. 27 जनवरी 2017, 18 जुलाई 2017 तक इस अभियान के दौरान उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अलख भी जगाया था. इसके साथ ही कई बार माउंट एवरेस्ट के विभिन्न माउंट पर चढ़ाई कर देश का तिरंगा भी लहरा चुकी हैं. अब सविता पर्वतारोहण का नया रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं. उसका सपना है कि पर्वतारोही के रूप में उसका नाम हो, जिसके साथ बिहार का भी नाम जुड़े.

बता दें कि दुनिया का सबसे शीर्ष और इस अभियान का अंतिम गंतव्य माउंट एवरेस्ट है. सविता साधारण मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सविता अपने विश्वास पर कायम हैं, उनका जज्बा है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर बिहार और देश का नाम ऊंचा कर सकें. उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में परिवार और समाज हर कोई विरोध कर रहा था, लेकिन धीरे-धीरे परिवार और समाज दोनों का सपोर्ट मिलने लगा. इसके बाद समाज में भी मुझे देखकर लड़कियों को धीरे-धीरे छूट मिलने लगी.

पढ़ेंः बिहार और यूपी के सात गांवों की अदला-बदली होगी, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

पटना : 173 दिन में 29 राज्यों का सविता महतो (cyclist Savita Mahto) ने साइकिल से सफर (Travel to 29 states by Bicycle) कर चुकी हैं. यहां तक कि सतोपंथ पर्वत पर भी तिरंगा लहरा चुकी हैं. अब इनका एकमात्र सपना है कि वह माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़कर देश का तिरंगा लहराए. सविता बिहार के छपरा जिले के छोटे से कस्बे पानापुर की रहने वाली हैं. सविता एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की हैं. इनके पिताजी मछली व्यवसाय करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

बिहार की बेटी सविता (cyclist Savita Mahto) ने साइकिल से 29 राज्यों की यात्रा कर कीर्तिमान भी स्थापित कर चुकी हैं. भ्रमण यात्रा में उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी देने का काम किया है. अब सविता का सपना माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का है. लेकिन, माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में आर्थिक स्थिति सामने आ रही है. जिस कारण से उनका सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. इस सपना को पूरा करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाई है. यहां तक की कला संस्कृति विभाग के मंत्री से भी मिल चुकी हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ और नहीं मिल रहा है.

सविता महतो की एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की चाहत.

सविता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने कई राज्यों के चक्कर तो लगाए, लेकिन सपना पूरा करने में आर्थिक स्थिति समस्या बनी हुई है. फैमिली बैकग्राउंड इतना मजबूत नहीं है कि वह माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर सकें. इसके पहले सविता हिमालय के संतोंपथ पर्वत पर साढ़े सात हजार मीटर ऊंचाई पर तिरंगा फहरा (Mountaineer Savita Mahto from Bihar) चुकी हैं. सविता 2019 में भी नेपाल के 5416 मीटर थोरानग्ला यात्रा कर चुकी हैं. साथ ही नेपाल के कई सरकारी और निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच जाकर उन्होंने इस जागरूकता अभियान पर चर्चा भी की थी.

''मैं दुनिया के शीर्ष पर पहुंचकर भारत का तिरंगा फहराना चाहती हूं इस मिशन का प्रारंभ पटना से कन्याकुमारी तक साइकिल से रवाना होकर करना है. 70 दिन सड़क और फिर पहाड़ों पर कई दिन बिताना चुनौतीपूर्ण होगा. यह ना केवल एक विश्व रिकॉर्ड होगा, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और हमारे युवाओं को प्रेरित करने का अवसर भी है.''- सविता महतो, पर्वतारोही

बता दें कि छपरा की रहने वाली सविता महतो के नाम कई अनूठे रिकॉर्ड हैं. पिछले 6 साल से अधिक समय से वह कन्याकुमारी से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने की चाहत रख रही हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार से कोई मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है अभी तक पहल नहीं की गई है. जिसका नतीजा है कि सविता का सपना अधूरा पड़ा हुआ है, लेकिन सविता के मजबूत इरादे अभी भी कायम है.

सविता ने 18 जुलाई 2017 तक साइकिल से देश के 29 राज्य और 1 केंद्र शासित राज्य की 12,500 किलोमीटर की यात्रा 173 दिन में पूरा करके कीर्तिमान स्थापित किया है. 27 जनवरी 2017, 18 जुलाई 2017 तक इस अभियान के दौरान उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अलख भी जगाया था. इसके साथ ही कई बार माउंट एवरेस्ट के विभिन्न माउंट पर चढ़ाई कर देश का तिरंगा भी लहरा चुकी हैं. अब सविता पर्वतारोहण का नया रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं. उसका सपना है कि पर्वतारोही के रूप में उसका नाम हो, जिसके साथ बिहार का भी नाम जुड़े.

बता दें कि दुनिया का सबसे शीर्ष और इस अभियान का अंतिम गंतव्य माउंट एवरेस्ट है. सविता साधारण मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सविता अपने विश्वास पर कायम हैं, उनका जज्बा है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर बिहार और देश का नाम ऊंचा कर सकें. उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में परिवार और समाज हर कोई विरोध कर रहा था, लेकिन धीरे-धीरे परिवार और समाज दोनों का सपोर्ट मिलने लगा. इसके बाद समाज में भी मुझे देखकर लड़कियों को धीरे-धीरे छूट मिलने लगी.

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