जयपुर. राजस्थान के जोधपुर में हुई हिंसा को लेकर भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान को शांतिपूर्ण प्रदेश के रूप में मिसाल दी जाती थी, लेकिन आज कानून-व्यवस्था ही यहां सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, जो राजस्थान के लिए चिंताजनक बात है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जोधपुर में ईद की पूर्व संध्या पर (Tension on eid in Jodhpur) बिस्सा जी की प्रतिमा के आसपास भगवा ध्वज हटाकर इस्लाम का ध्वज लगाया गया, तोड़फोड़ की गई और उसके बाद मंगलवार को फिर गाड़ियों में तोड़फोड़ और हिंसा फैलाने की कोशिश की गई, यह केवल एक बानगी है. क्योंकि करौली की घटना से यह साबित हो चुका है कि इस प्रकार की घटना सरकार के संरक्षण में ही हो रही है.
पूनिया ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं कांग्रेस की सरकार में ही इसलिए होती हैं, क्योंकि इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को संरक्षण मिलता है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि यह वही सरकार है जो कोटा में पीएफआई को रैली की अनुमति देती है, लेकिन रामनवमी और अन्य हिंदू धार्मिक पर्व पर 17 जिलों में धारा 144 लगा देती है. पूनिया ने कहा कि प्रदेश सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण (Satish Poonia Alleged Gehlot Government) अराजक तत्वों ने राजस्थान को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इसलिए अब तो मुख्यमंत्री अपने वोट बैंक को गुड बाय कहें और अपनी कुर्सी की चिंता छोड़ जन सुरक्षा की चिंता करें.
केंद्रीय मंत्री ने साधा निशानाः केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बड़ा हमला करते हुए कहा है कि अशोक गहलोत अपने जन्मदिन की बधाइयां लेने में व्यस्त थे, दूसरी तरफ जोधपुर (Violence in Jodhpur) जल रहा था. लचर कानून-व्यवस्था का नजारा जोधपुर के लोगों ने देखा है. जोधपुर सर्किट हाउस में भाजपा नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शेखावत अपने साथ कुछ घायल भी लेकर आए थे. शेखावत ने कहा कि ऐसे क्या कारण रहे कि इस तरह की घटनाएं होने से पहले गहलोत सरकार नहीं रोक पाई. उन्होंने कहा कि परशुराम जयंती को लेकर जालोरी गेट सर्किल पर विप्र समाज के जो झंडे-बैनर लगाए गए थे, यह उतारे गए. उसके बाद में दूसरे समुदाय के लोगों ने वहां स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर झंडा लगाया, तब तक पुलिस क्या कर रही थी, उन्हें क्यों नहीं रोका गया.
जोधपुर की घटना गहलोत सरकार के माथे पर कलंक : वहीं, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा है कि जोधपुर की यह घटना गहलोत सरकार के माथे पर कलंक है. राठौड़ ने मंगलवार को इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा कि हिंदू नव वर्ष के दिन करौली में दंगे के बाद मुख्यमंत्री के गृह जिले में इस प्रकार की घटना केवल सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण ही है. इसी नीति के कारण शांतिप्रिय राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं. राठौड़ ने इस घटना के पीछे पुलिस इंटेलिजेंस पर भी सवालिया निशान लगाया और यह भी लिखा कि अब मुख्यमंत्री खुद की नाकामी का ठीकरा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फोड़ेंगे. राजस्थान में गृह विभाग के मुखिया भी मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके राज्य में कानून-व्यवस्था मृतप्राय हो गई है.
हिंसा फैलाने वालों पर रासुका लगाए गहलोत सरकार : वहीं, जोधपुर में हुई इस घटना को लेकर भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. दिलावर ने कहा कि इस घटना में जिन लोगों ने हिंसा फैलाई उन पर रासुका लगा देना चाहिए. दिलावर के अनुसार करौली में जो कुछ हुआ वह सबके सामने है और पिछले दिनों छबड़ा में जिन्होंने दंगे फैलाए, उन्हें मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर सम्मान दिया जाता है. इसलिए राजस्थान में ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं.
वसुंधरा राजे ने साधा निशानाः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोधपुर की इस घटना पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. वसुंधरा राजे ने कहा कि बारां, करौली और राजगढ़ (अलवर) के बाद अब मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में भी साम्प्रदायिक तनाव की घटना सामने आई है. स्वतंत्रता सेनानी स्व. बाल मुकंद बिस्सा की प्रतिमा पर लगे भगवा झंडे को उतारने की घटना से यह स्पष्ट हो जाता कि प्रदेश में फैला यह मजहबी उन्माद कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण संस्कृति का ही परिणाम है. सरकार चेते और तुष्टिकरण की नीति से बाज आए.
कटारिया बोले- कानून व्यवस्था ठपः नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी जोधपुर की घटना को लेकर कांग्रेस की गहलोत सरकार को घेरा है. कटारिया ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री, जो कि गृहमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं. उनके गृह क्षेत्र जोधपुर के जालोरी गेट में हुए सांप्रदायिक तनाव से लगता है कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था पूर्ण रूप से ठप हो चुकी है और सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है. राज्य की कांग्रेस सरकार पूर्णरूप से विफल हो चुकी है.
सरकार दंगाइयों पर कार्रवाई करेः बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने भी जोधपुर की घटना को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया. चतुर्वेदी ने कहा कि एक ओर हिंदू हितों पर आघात तो वहीं दूसरी ओर तुष्टिकरण की कांग्रेस की राजनीति से प्रदेश की सद्भावना और पारस्परिक स्नेह को गहरा धक्का लगाया है. करौली व राजगढ़ के बाद जोधपुर के हालात बता रहे हैं कि गहलोत सरकार पूरी तरह विफल है. सरकार दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई करे.
राज्यपाल को पत्रः बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जोधपुर की घटना को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखा है. पूनिया ने पत्र में कहा कि कांग्रेस पार्टी की वर्तमान सरकार में तुष्टीकरण की राजनीति के कारण राजस्थान में अशांति उत्पन्न हुई है. पूनिया ने राज्यपाल को आग्रह किया है कि जोधपुर की इस घटनाओं की निष्पक्ष जांच हो, राज्य सरकार को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कराएं, ताकि प्रदेश में शांति स्थापित हो सके. साथ ही सांप्रदायिक घटनाओं की प्रदेश में पुनरावृति ना हो, साथ ही इस घटनाओं में लिप्त अराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो.